Namo Drone Didi Scheme: केंद्र सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में हिमाचल प्रदेश के 16 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन मिले हैं। सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने सोमवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है।
3090 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन देने का लक्ष्य
इसके तहत महिलाओं को ड्रोन के संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे इसका उपयोग कृषि, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में कर सकें। राम नाथ ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत प्रमुख उर्वरक कंपनियों ने वर्ष 2023-24 में पहले 500 ड्रोन खरीदकर चयनित स्वयं सहायता समूहों को वितरित कर दिए हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराए गए चार ड्रोन भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पहले चरण में 3090 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 16 स्वयं सहायता समूह हिमाचल प्रदेश के हैं।
Namo Drone Didi Scheme: किसानों को हो रहा फायदा
उन्होंने कहा कि योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों और डोमेन विशेषज्ञों की एक अंतर-विभागीय समिति भी गठित की गई है। डॉ. सिकंदर कुमार के सवालों का जवाब देते हुए राम नाथ ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करने के लिए नमो ड्रोन दीदी को एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए 15000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करना है।
Namo Drone Didi Scheme: नई पीढ़ी को मिल रही प्रेरणा
उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों और संस्थाओं से लिए गए सदस्यों वाली राज्य स्तरीय समिति ड्रोन उपयोग के लिए उपयुक्त क्लस्टरों का चयन करने, ड्रोन उपलब्ध करवाने के लिए राज्यों के भीतर चिन्हित क्लस्टरों से प्रगतिशील महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन करने, ड्रोन उपयोग का आकलन करने, ड्रोन उपयोग की मौजूदा कमियों, उपलब्धता और भविष्य की आवश्यकताओं की पहचान करने, एलएफसी और कीटनाशक कंपनियों के समन्वय में चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यवसाय उपलब्ध करवाने/सुनिश्चित करने आदि के लिए जिम्मेदार है।
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इससे पहले, सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से जानना चाहा कि कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन तकनीक से लैस करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए नमो ड्रोन दीदी नामक केंद्र प्रायोजित योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या इस योजना के व्यापक संचालन को सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और परिचालन रोलआउट का मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण करने के लिए कोई समिति गठित की गई है? क्या इस योजना को राज्य स्तर पर लागू किया जाएगा, यदि हां, तो राज्य स्तर पर इसके कार्यान्वयन और मूल्यांकन के लिए क्या मापदंड अपनाए गए हैं? क्या सरकार हिमाचल प्रदेश में महिला उद्यमियों की नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है?
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