Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे की छात्रों द्वारा पिटाई के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। हालांकि, 7 साल के बच्चे को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले में टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं, पीड़िता के पिता ने कहा कि मैडम ने बच्चे पर अत्याचार किया है और जब हम इसकी शिकायत लेकर स्कूल गए तो उन्होंने कहा कि यहां ऐसा ही होता है। उन्होंने शिक्षक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की महिला टीचर ने होमवर्क न करने पर एक छात्र की पिटाई की और क्लास के अन्य छात्रों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, छात्र के पिता ने तहरीर दी। है। जिसके बाद मंसूरपुर पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ धारा 323, 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आगे की कार्रवाई के लिए मामले की जांच की जा रही है।
शिक्षिका ने वीडियो जारी कर दी सफाई
वहीं, शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अपना वीडियो बयान जारी करते हुए सफाई दी है। उन्होंने कहा, मेरा इरादा किसी की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। वीडियो में छेड़छाड़ कर उसे प्रसारित किया गया है। वह विकलांग है, बच्चों को नियंत्रित करने के लिए उसने यह कदम उठाया। यह मेरी गलती है कि छात्र को उसके सहपाठियों द्वारा नहीं पीटा जाना चाहिए था।
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वीडियो से छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया गया है। मैंने जो कुछ भी कहा वह काट दिया गया। वीडियो वायरल करने वाले नदीम ने बताया कि मैं किसी काम से स्कूल गया था। वहां देखा कि कुछ स्कूल के बच्चे एक दूसरे को पीट रहे थे और मैडम ने कहा था कि जो मुस्लिम महिलाएं अपने मायके जाती हैं उनके बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं। किसी ने मेरे वीडियो को ट्रिम करके फॉरवर्ड कर दिया है।
राहुल, अखिलेश और औवैसी ने भाजपा सरकार को घेरा
वहीं, इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। इस बीच, सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले के एक शिक्षक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की, जिसने कथित तौर पर अपने छात्रों से अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहा था। सपा ने घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए यह मांग उठाई, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दोबारा पोस्ट किया।
बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए सपा ने कहा, बीजेपी और आरएसएस की नफरत की राजनीति देश को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक अल्पसंख्यक समुदाय के एक बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रहा था। मासूमों के दिमाग में जहर भरने वाले शिक्षक को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’
राहुल गांधी ने कहा कि मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का जहर घोलना, स्कूल जैसी पवित्र जगह को नफरत की मंडी बनाना- इससे बुरा कोई शिक्षक देश के लिए नहीं कर सकता। यह भाजपा द्वारा फैलाया गया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा दी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – इनसे नफरत नहीं, हम सबको मिलकर प्यार सिखाना है।
असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिखते हुए कहा कि नियम यह है कि लोग उचित प्रक्रिया पर भरोसा नहीं करते हैं। इस बात की अधिक संभावना है कि शिक्षक को सजा मिलने की बजाय कोई सरकारी पुरस्कार मिलेगा। सीएम योगी पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि बुलडोजर और ठोक दो का क्या हुआ? भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नाम लेते हुए ओवैसी ने कहा कि वैसे तो वे स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने को तैयार हैं लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया है। कथित तौर पर, एनसीपीसीआर न्याय सुनिश्चित करने से ज्यादा वीडियो के वायरल होने को लेकर चिंतित है।
इस मामले पर पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति नफरत ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है।’ शिक्षक वह माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान की खाद डालकर न केवल व्यक्तित्व बल्कि राष्ट्र का भी निर्माण करता है। इसलिए एक शिक्षक से गंदी राजनीति से परे उम्मीदें बहुत अधिक हैं। यह देश के भविष्य का सवाल है।
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