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इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए यूएन ने 15 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया

इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने इस्लामोफोबिया से मुकाबला करने के लिए 15 मार्च को अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया है। इस ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को मुस्लिम उम्मा को बधाई दी।

प्रधानमंत्री खान ने ट्विटर पर लिखा कि संयुक्त राष्ट्र ने आखिरकार दुनिया के सामने गंभीर इस्लामोफोबिया चुनौती को स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री खान ने सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंततः दुनिया के सामने गंभीर चुनौती को स्वीकार कर लिया है। इस्लामोफोबिया, धार्मिक प्रतीकों और प्रथाओं के लिए सम्मान और व्यवस्थित नफरत भरे भाषण और मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को कम करना। प्रधानमंत्री ने मुस्लिम उम्माह को बधाई देते हुए कहा, “इस्लामोफोबिया के खिलाफ हमारी आवाज सुनी गई है।”

दरअसल, 193 सदस्यीय राज्यों वाले संयुक्त राष्ट्र ने इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से पाकिस्तान के पेश किए गए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को मान लिया है। इसके तहत 15 मार्च को “इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। इससे पहले नवंबर 2020 में ओआईसी विदेश मंत्रियों की परिषद के 47वें सत्र में संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से ओआईसी हर साल इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए 15 मार्च का दिन मनाता है।

पाकिस्तान के प्रधाम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ आवाज उठाई है और वैश्विक समुदाय से चुनौती का मुकाबला करने का आह्वान किया है।

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