नई दिल्लीः बीमारियों का इलाज सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि अपरंपरागत उपचार विधियों से भी किया जा सकता है। सुगंध, स्पर्श से लेकर संगीत द्वारा भी बहुत सी बीमारियों का इलाज संभव है। बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से रोजमर्रा की होने वाली बहुत-सी बीमारियों से निजात पाया जा सकता है। कोरोना काल में इम्युन सिस्टम को मजबूत करने के लिए संगीत भी एक बेहतर माध्यम बन सकता है। संगीत सुनने से दिमाग शांत होता है। कुछ दिनों पूर्व एक खबर आयी थी कि कई दिनों से कोमा में पड़ा एक बच्चा अपनी मां की लोरी सुनकर होश में आ गया। यह सिद्ध करता है कि ध्वनि तरंगों के माध्यम से भी उपचार किया जा सकता है। सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य तीनों के समावेश को संगीत कहते हैं।
गायन मानव के लिए प्रायः उतना ही स्वाभाविक है जितना भाषण। कब से मनुष्य ने गाना प्रारंभ किया, यह बतलाना उतना ही कठिन है। जितना कि कब से उसने बोलना प्रारंभ किया है। संगीत का मानव जीवन में अहम स्थान है। वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है। संगीत की तीनों धाराएं (गायन, वादन व नृत्य) न केवल स्वर, ताल और लय की साधना है, बल्कि एक यौगिक क्रिया है। इससे शरीर, मन और प्राण तीनों में शुद्धता और चैतन्यता आती है।
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कोरोना काल में बच्चे घर पर रहकर संगीत की साधना करें तो सुनने वाले भी लाभान्वित होंगे। जिन बच्चों के पास संसाधन की कमी है वो मनपसंद शास्त्रीय संगीत, भजन अथवा पुराने, नए सुगम संगीत जो किसी राग पर आधारित हो अवश्य सुनें अथवा साथ में गुनगुनाये। इससे इम्युनिटी तो बढ़ता ही है। वही अनेक रोग भी दूर होते हैं। खासकर मालकोष और ललित जैसे अनेक राग कफ और खांसी की समस्याओं को दूर करते हैं। स्वर साधना के क्रम में एक स्वर पर मधुर आवाज टिकाकर अधिक समय तक सांस रोकने की क्रिया बार-बार करें तो निश्चित ही फेफड़ा मजबूत और साफ होगा साथ ही ऑक्सीजन लेवल बिल्कुल ठीक रहेगा जो कोरोना से लड़ने में सहायक सिद्ध होगा। ये क्रिया प्रतिदिन आधा से एक घंटा करना चाहिए अन्यथा 5 मिनट भी निरंतर अभ्यास लाभकारी है।