नई दिल्ली: बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2022 को बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया। बिल बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2002 में संशोधन करना चाहता है। इसका उद्देश्य बहु-राज्य सहकारी समितियों में शासन में सुधार, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाना है। इसके तहत निष्पक्ष, स्वतंत्र और समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक चुनाव प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। प्रस्तावित संशोधन संचालन और प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं।
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पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विपक्ष के नेताओं ने बिल पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि सहकारी समितियां राज्य के विषय हैं और केंद्र उनके क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है। उन्होंने मांग की, कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। डीएमके के टी.आर. बालू ने कहा कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए।
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