Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया. इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर हजारों की संख्या में लोग जमा थे। पिता की कब्र पर मिट्टी देने से पहले बेट उमर अंसारी ने आखिरी बार मुख्तार की मूछों पर ताव दिया और फिर उन्हें अंतिम विदाई दी। उन्हें उनकी मां के कब्र के पास ही दफनाया गया है। इस दौरान मौजूद भीड़ ने जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी। नहीं मानने पर पुलिस ड्रोन से उनकी निगरानी और पहचान करनी शुरू कर दी गई।
अब्बास को जनाजे में शामिल होने की नहीं मिली अनुमति
बता दें कि इससे पहले सुबह मुख्तार के पैतृक घर से शव यात्रा निकाली गई जिसमें उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी, बेटे उमर अंसारी और भतीजे विधायक सुहैब अंसारी समेत उनके परिवार के सदस्य और समर्थक मौजूद रहे। अंतिम संस्कार में मुख्तार के बड़े भाई और पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी भी शामिल हुए।
हालांकि मुख्तार अंसारी का बड़े बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता के जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। इस बीच भीड़ ने नारे भी लगाये। अफजाल अंसारी ने कब्रिस्तान पहुंचकर लोगों को भीड़ इकट्ठा नहीं करने के लिए समझाया और शांति बनाए रखने की अपील की।
जेल में फूट-फूट कर रोया बड़ा बेटा अब्बास
मुख्तार अंसारी का बेटा और विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता के जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। वह जेल में पूरी रात नहीं सोया। जेल अधिकारियों ने बताया कि वह पूरी रात करवट बदलता रहा। अब्बास अंसारी हाई सिक्योरिटी बैरक में पूरी रात टहलता रहा।
ये भी पढ़ें..मुख्तार की मौत के साथ पूर्वांचल की राजनीति से खत्म हुआ माफियावाद !
पोस्टमार्डम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से हुई मौत
गौरतलब है कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की गुरुवार को अचानक तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने इसे दिल का दौरा बताया। मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम उनकी मौत के करीब 15 घंटे बाद हुआ।
मुख्तार की मौत पर विपक्षी नेताओं ने उठाए सवाल
पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्तार की हृदय गति रुक गई, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। वहीं मुख्तार के परिवार वालों का आरोप है कि जेल में उन्हें धीमा जहर दिया गया। उधर उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अंसारी का नाम लिए बिना पुलिस और न्यायिक हिरासत में हुई मौतों पर सवाल उठाए और सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग की। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)