मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (शिखर बैंक) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से विशेष कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार का नाम नहीं है। इससे ईडी की ओर से अजित पवार और उनकी पत्नी को क्लीन चिट दिए जाने की जोरदार चर्चा हो रही है।
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए कथित 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बंद हो चुकी जांच को राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार ने सत्ता में आने के बाद फिर से शुरू करवाया था। इस मामले की जांच ईडी को सौंपी गई और आज ईडी ने मामले की पहली चार्जशीट विशेष कोर्ट में सौंपी है। इस चार्जशीट में अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम नहीं है। हालांकि अजित पवार और उनकी पत्नी से जुड़ी जरंडेश्वर शुगर फैक्टरी, स्पार्कलिंग सॉयल लिमिटेड का नाम ईडी ने चार्जशीट में दर्ज किया है।
ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि मामले की जांच अभी जारी है। इसलिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि पूरक चार्जशीट में अजीत पवार और उनकी पत्नी का नाम शामिल किया जा सकता है। इस मामले में ईडी ने जरंडेश्वर शुगर फैक्टरी की 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। इस मामले की सुनवाई 19 अप्रैल को विशेष कोर्ट में होने वाली है।
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दरअसल, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने मनमाने ढंग से कर्ज बांटे थे। नतीजतन इस बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उस समय बैंक पर 25 हजार करोड़ रुपये तक का घोटाला होने का आरोप लगाया गया था। इसी वजह से वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने याचिका दाखिल कर मामले की जांच की मांग की थी। इस याचिका की वजह से 2011 में आरबीआई ने राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया था और जांच के आदेश दिए थे। इस घोटाले में कई मंत्रियों और बैंक अधिकारियों से जुड़ी कंपनियों को अवैध तरीके से कर्ज बांटे जाने का पता चला था। इसलिए इस घोटाले में अजीत पवार सहित 70 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। इस समय इस मामले की गहन छानबीन ईडी की टीम कर रही है।
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