लखनऊः उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में बीते दिनों शराब माफियाओं ने सिपाही को मौत के घाट उतारकर दारोगा को घायल कर दिया था। इस मामले का मुख्य आरोपित मोती 8 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से अभी तक दूर है। कई जनपदों में पुलिस मोती की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक मोती का कोई सुराग नहीं लग सका है।
पुलिस ने सिपाही देवेंद्र कुमार की हत्या एवं दारोगा अशोक कुमार को मारपीट कर घायल किए जाने के मामले में भले ही मोती के भाई एलकार को मुठभेड़ में मार गिरा कर बदला ले लिया है। इसके बाद पुलिस एक-एक कर उसके परिवारीजनों को गिरफ्त में ले रही है। मां सियादेवी को जेल भेजा जा चुका है। मोती का करीबी माने जाने वाला नवाब भी पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गया है। इसके बाद पुलिस ने मोती के ममेरा भाई गुड्डू एवं उसके मौसा रामेश्वर को भी मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है। लेकिन मोती तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। गंगा की कटरी के 75 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने काफी तलाश की है।
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इसके अलावा काली नदी के 65 किलोमीटर के इलाके को भी पुलिस ने छान मारा है, लेकिन अभी तक मोती का कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस ने मोती को एक लाख का इनामी भी घोषित कर दिया है। इसके भाई मानपाल एवं मोहकम पर भी 25-25 हजार का इनाम रखा गया है। एसपी मनोज कुमार सोनकर ने मोती की तलाष के पुलिस महकमे की 12 टीमें गठित की है। एसपी मनोज कुमार सोनकर ने एक लाख का इनामी सिपाही हत्याकांड का मुख्य आरोपित मोती को पकड़ने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। मोती के फोटो सहित उसके इनाम की रकम का जिक्र करते हुए पोस्टर प्रकाशित कराए जा रहे हैं। जो सार्वजनिक स्थलों, जनपद के समस्त स्थानों एवं आस-पड़ोस के जनपदों में सर्कुलेट कराए जा रहे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि आम जनता की नजर में आने के बाद मोती गिरफ्त में आ जाएगा।