Home छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बाद जेल से रिहा किए गए 200 से...

सरकार की सहमति के बाद जेल से रिहा किए गए 200 से ज्यादा आदिवासी

जगदलपुरः राज्य सरकार ने बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में रहने वाले आदिवासियो के खिलाफ बनाये गये आबकारी एक्ट और इसी तरह के मामलों की समीक्षा की गई थी। इस समीक्षा के बाद दो सौ मामलों में राज्य सरकार ने इन मामलों को वापस लेने की सहमति दी है, इसके बाद जेलों में बंद करीब दो सौ आदिवासियों को रिहा कर दिया गया है। जिन लोगों को जेलों से रिहा किया गया है उनमें से कई ऐसे लोग भी थे जो अपने घर पर आयोजित होने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए पांच लीटर से ज्यादा शराब लेकर जा रहे थे और पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था।

राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद आदिवासियों की रिहाई के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। इस दौरान जेलों में बंद आदिवासियों को दो केटेगरी में बांटा गया था। इनमें पहली केटेगरी में आबकारी एक्ट व छोटी धाराओं के तहत जेलों में बंद आदिवासियों को रखा गया था, तो दूसरी केटेगरी में गंभीर धाराओं जैसे नक्सली मामले में जेलों में बंद आदिवासियों को रखा गया था। चूंकि गंभीर मामलों में रिहाई की पूरी प्रक्रिया न्यायालय से होनी है ऐसे में सरकार उस पर भी काम कर रही है। वहीं आबकारी एक्ट और छोटी धाराओं के तहत जेल में बंद आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों को सरकार ने वापस ले लिया ।

लंबे समय और गंभीर अपराधों के तहत मामले में जेलों में बंद आदिवासियों के वकीलों से संपर्क किया जा रहा है और जिनके पास वकील नहीं है उन्हें विधिक सेवा प्राधिकारण के तहत मुफ्त में वकील उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस अफसरों की एक पूरी टीम को इस काम में लगाया गया है और मामलों में गवाहों को पेश करने, चालान पेश करने, दस्तावेज पेश करने और आरोपितों को कोर्ट तक ले जाने की व्यवस्था की जा रही है।

राज्य सरकार ने आदिवासियों की रिहाई के लिए जो पहली लिस्ट बनाई है इसमें ऐसे कई आदिवासी हैं जो पिछले पांच से सात सालों से जेलों में बंद हैं और उनके मामले में कोई विशेष सुनवाई नहीं हो पाई है। यदि मामलों में सही समय पर सुनवाई हुई होती तो उन्हें तीन से चार साल की सजा होती।

यह भी पढ़ेंः-कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘शेरशाह’ की रिलीज डेट का ऐलान

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि हमने अभी आबकारी जैसे मामलों में बंद करीब दो सौ लोगों की रिहाई जेल से करवा दी है। दूसरे चरण में हम 350 से ऐसे आदिवासी जो गंभीर धाराओं के तहत जेलों में बंद हैं उन्हें रिहा करवाने की ओर काम कर रहे हैं ,यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले तीन से चार महीने में ये भी जेलों से रिहा हो जायेंगे।

Exit mobile version