नई दिल्लीः केंद्र सरकार वक्फ एक्ट (Wakf Act) में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक्ट में बदलावों को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करने और उस पर नियंत्रण करने की शक्तियों पर अंकुश लगाएगा। विधेयक के जरिए किए जा रहे इन बदलावों में केंद्र सरकार बोर्ड की शक्तियों को कम करेगी। इससे केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
अगले सप्ताह पेश हो सकता है विधेयक
वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले अनिवार्य सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। विधेयक में विवादित भूमि के नए सिरे से सत्यापन का भी प्रावधान है। वक्फ अधिनियम को सबसे पहले 1954 में पारित किया गया था, लेकिन बाद में 1995 में इसे नए संस्करण से बदल दिया गया। वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 40 बोर्ड को उस संपत्ति को अधिग्रहित करने, नोटिस जारी करने या उसके स्वामित्व की जांच करने का अधिकार देती है, जिसे वह वक्फ मानता है।
इस विधेयक के अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और हस्तांतरण में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे इसे अन्य इस्लामिक देशों के वक्फ बोर्डों के बराबर अधिकार मिल जाएंगे। दुनिया के किसी अन्य वक्फ बोर्ड के पास इतने व्यापक अधिकार नहीं हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विधेयक अक्टूबर में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पेश किया जाएगा।
कई प्रावधानों को खत्म करने की तैयारी
इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्डों की असीमित शक्तियों में बदलाव के साथ सरकार का लक्ष्य मौजूदा वक्फ अधिनियम के कई प्रावधानों को खत्म करना है। दरअसल, इस विधेयक के जरिए सरकार का मुख्य लक्ष्य वक्फ बोर्डों की मनमानी शक्तियों पर लगाम लगाना है, जो वर्तमान में उन्हें अनिवार्य सत्यापन के बिना किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देती हैं।
मौजूदा वक्फ बोर्ड अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, अगर विधेयक पारित हो जाता है तो वक्फ बोर्डों द्वारा किए गए सभी दावों के लिए अनिवार्य और पारदर्शी सत्यापन की जरूरत होगी। इसके अतिरिक्त, धारा 9 और 14 में संशोधन करके वक्फ बोर्ड की संरचना और संचालन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शामिल किया जाएगा। विवादों को सुलझाने के लिए बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों के दुरुपयोग को रोकना है।
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सूत्रों ने संकेत दिया कि वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों को लेकर सरकार की चिंता बढ़ रही थी, जिसके लिए सरकार ने अब यह संशोधन करने का फैसला किया है। वक्फ बोर्ड की शक्तियां इतनी व्यापक हैं कि वह जमीन के किसी भी हिस्से को वक्फ संपत्ति के रूप में नामित करने में सक्षम है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर विवाद और असीमित अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप लगते हैं। वक्फ अधिनियम, 1995 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो मुस्लिम है, अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को दान कर सकता है। और बोर्ड उस संपत्ति को नियंत्रित करता है जिसे ‘औकाफ’ (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति) कहा जाता है। यूपीए सरकार के तहत 2013 में किए गए संशोधनों ने वक्फ बोर्डों को और अधिक व्यापक अधिकार दिए और तब से यह विवाद का विषय बन गया है।
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