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सब्जियों के बाद अब दूध ने दिया जोर का झटका, चार रुपये लीटर हुआ महंगा

दूध

बेगूसरायः महंगाई की मार झेल रहे लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होने के बाद और बच्चों के कटोरा से दूध भी गायब हो गया है। महंगाई से हैरान परेशान लोग कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे कि इसी बीच दूध के दाम में जोरदार झटका दिया है। दूध के दाम में अचानक चार रुपया प्रति लीटर की वृद्धि ने लोगों का घरेलू बजट बिगाड़ दिया है। सुधा डेयरी ने जब दूध के दामों में चार रुपया तक वृद्धि किया तो सभी लोकल विक्रेताओं (लूज दूध बेचने वालों) ने भी दूध के दाम में चार रुपया प्रति लीटर की वृद्धि कर दिया। छठ मनाने के लिए घर जाने से पहले दूध का दाम 40 रुपया प्रति लीटर था, लेकिन शुक्रवार को जब वापस शहर लौटे और दुकान पर दूध लेने पहुंचे तो दाम बढ़कर 44 रुपया लीटर हो गया। अचानक बढ़े दाम से लोग हैरान परेशान हो गए हैं।

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अचानक दूध में वृद्धि से लोग परेशान

वहीं लोगों का कहना है कि सभी सामानों के मूल्य में वृद्धि होती है, लेकिन ऐसी अचानक वृद्धि नहीं होनी चाहिए। दूध लेने आए राम विनय सिंह एवं विनोद कुमार ने बताया कि तमाम खाद्य पदार्थ के दाम में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो रही है। पहले से ही सब्जी समेत तमाम चीजों का दाम आसमान छू रहा है, सब्जी के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद लोग किसी तरह दूध के सहारे खुद और बच्चों का जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन अब दूध के दाम ने रुला दिया है।

इस संबंध में बिहार के दूध विक्रेताओं का कहना है कि सुधा डेयरी ने दूध का दाम बढ़ा दिया, जिसका असर लूज दूध पर भी पड़ा है, दूध उत्पादन किसानों ने दाम में वृद्धि कर दी है, जिसके कारण दाम बढ़ाना पड़ा है। दुग्ध उत्पादक किसानों का कहना है कि सुधा डेयरी ने ग्राहकों के लिए सभी दूूध के दाम बढ़़ा दिए हैं। अरविंद सिंह ने बताया कि हम पशुपालक किसानों को कोई फायदा नहीं दिया गया है, गाय केे दूध के खरीद दाम में वृद्धि नहीं किया गया है। जब सुधा ने दूध के बिक्री दाम में करीब दस प्रतिशत की बढोतरी की हैै तो हमसे खरीदे जा रहे दूध के दाम में भी वृद्धि होनी चाहिए। 2.6 से 5.4 तक फैट वाले दूध के दाम में वृद्धि नहीं किया जाना अन्याय है।

खाद्य पदार्थों के दाम पर आसमान पर

गृहिणी रिचा देवी का कहना है कि घरेलू खाद्य पदार्थों के दाम में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि ने घरेलू बजट को तहस-नहस कर दिया है। तमाम खाद्य पदार्थ और सब्जी के बाद दूध के बढ़े दाम और कितनेे परेशान करेंगे, यह कहना मुश्किल है। गृहिणी सोनी देवी, मंजूू देवी, क्रांति देवी आदि का कहना है कि महंगाई ने बर्बाद करके छोड़़ दिया। घर के तमाम सदस्य जी-तोड़ मेहनत करते हैं, इसके बावजूद थाली मेंं समुचित खाना नहीं पहुंचता है। कोई भी सब्जी 40 रुपया किलो से कम नहीं है, चीनी, तेल, आटा, चावल के मूल्य मेंं वृद्धि बाद थाली से हरी सब्जी गायब हो गई थी।

किसी तरह दूध में पानी मिला-मिलाकर बच्चोंं और बुजुर्गों को दे रहे थे, अब यह भी पुुुराना मुश्किल हो गया है। कामगार विपिन महतों ने बताया कि बेतहाशा बढ़ी महंगाई के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार ने जब पेट्रोल और डीजल के दाम में पांच रुपया से अधिक की कमी किया तो लगा था कि अब कुछ राहत मिलनी शुरू हो गई है। लेकिन हर घर में जरूरी दूध में के दाम में हुई वृद्धि ने रोने पर मजबूर कर दिया है।

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