छत्तीसगढ़ Featured

बड़े हमले की योजना बना रहे हैं उग्रवादी, खुफिया एजेंसियां अलर्ट

Naxalites
Militant attack

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में पिछले 10 दिनों से सुरक्षाबलों के शिविरों पर सामरिक गोलीबारी के बीच खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि उग्रवादी (Militant attack) राज्य में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। खुफिया इनपुट के हवाले से सूत्रों ने कहा कि उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के शिविरों पर गोलाबारी की 10 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। यह हमला छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के मिल्पा और अमलगुंडा शिविरों पर किया गया है।

ये भी पढ़ें..CM गहलोत ने बिजली संकट के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार, भाजपा ने किया पटलवार

सूत्रों ने यह भी कहा कि "उग्रवादी आने वाले हफ्तों में सुरक्षा बलों पर एक बड़े हमले (Militant attack) को अंजाम देने की योजना बना सकते हैं।" "उग्रवादी वर्तमान में छत्तीसगढ़ में टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। वे इसे मार्च से जून तक सुरक्षा बलों की रणनीति का मूल्यांकन करने और सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से करते हैं।" उग्रवादी इलाके में तैनात सुरक्षा बलों के एक सूत्र ने कहा, "छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और हम उनके टीसीओसी से भी अवगत हैं। एक बार मुठभेड़ में पकड़े जाने पर हम उन्हें मुक्त नहीं होने देंगे।"

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों से मिली जानकारी के अनुसार उग्रवादियों ने रात में रुक-रुक कर इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए दूर से ही ग्रेनेड लांचर से फायरिंग की है। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस तरह, वे स्थानीय आबादी को यह भी संदेश देना चाहते हैं कि वे अभी भी मजबूत हैं और सुरक्षा बलों पर अपनी इच्छा से हमला कर सकते हैं, यह इन उग्रवादियों का पुराना दिमाग का खेल है।"

सीआरपीएफ कैंप को नक्सलियों ने बनाया निशाना

सुकमा में सीआरपीएफ के पोटकपाली कैंप को नक्सलियों ने पिछले सोमवार को निशाना बनाया था। उन्होंने कैंप पर फायरिंग की, लेकिन बाद में जब सीआरपीएफ कमांडो ने भारी फायरिंग की तो वे भाग गए। अभियान क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों ने कहा कि उग्रवादी रात 8 बजे से रात 10 बजे के बीच या तड़के गोलीबारी शुरू कर देते हैं और फिर सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई में मौके से फरार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दस दिनों में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी के अभियान शिविरों पर गोलीबारी हुई है।

शिविरों में रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी

अधिकारियों ने बताया कि बलों के शिविरों पर रुक-रुक कर यह गोलीबारी उन्हें शिविरों के गढ़वाले इलाकों से बाहर आने के लिए उकसाने के लिए की जाती है, लेकिन सभी कर्मियों को ऐसी घटनाओं के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। किसी भी स्थिति में सुरक्षा कर्मियों को आधार शिविर से बाहर जाने की अनुमति तब तक नहीं दी जाती, जब तक कि उन्हें ऐसी गोलीबारी की घटनाओं के दौरान कमांडरों द्वारा ऐसा करने के लिए नहीं कहा जाता है। अधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उग्रवादियों का दबदबा कम हो रहा है। हालांकि, बस्तर के कुछ हिस्सों में उनका अभी भी दबदबा है। अधिकारियों ने कहा कि वहां तैनात बल पूरी तरह से सतर्क हैं और उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई तैयार की गई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)