मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण को मायावती ने बताया राजनीतिक स्वार्थ, केशव मौर्य बोले-साहसिक निर्णय

लखनऊः मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी व सामान्य गरीबों के लिए आरक्षण देने के मोदी सरकार के निर्णय को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देर से उठाया गया सही कदम बताया है। साथ ही इस निर्णय को चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला भी करार दिया। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे साहसिक व ऐतिहासिक निर्णय करार दिया।

बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को दो ट्वीट किये। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि देश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की आल-इण्डिया की यूजी व पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है। केन्द्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अब तक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला लगता है। वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वैसे बसपा बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किन्तु केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित व कल्याण के प्रति लगातार उदासीन ही बनी हुई हैं, यह अति दुःखद है।

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वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत व सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत मेडिकल सीटों के लिए आरक्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देकर साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय किया है। इसका स्वागत व अभिनन्दन आभार व्यक्त करता हूँ। आगे उन्होंने लिखा कि 56 इंच का सीना है सर उठाकर जीना है। केशव प्रसाद मौर्य ने दूसरा ट्वीट किया कि कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने मेडिकल और डेंटल कोर्स के ऑल इंडिया कोटा यूजी और पीजी सीटों ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।