Mayawati Attacks on Rahul Gandhi , नई दिल्ली: देश में आरक्षण और जातीय जनगणना को लेकर काफी बयानबाजी हो रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। ऐसे में शनिवार को राहुल गांधी का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहां 90 फीसदी लोग अभी भी सिस्टम से बाहर बैठे हैं, उनकी भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता। इसलिए 50 फीसदी आरक्षण की बाधा को उखाड़ फेंकना बहुत जरूरी है।
राहुल के बयान पर भड़की मायावती
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर बसपा सुप्रीम मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X से एक लंबी पोस्ट शेयर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी कांग्रेस पार्टी को कभी माफ नहीं करेंगे।” मायावती ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने 24 अगस्त को प्रयागराज में संविधान समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे राहुल गांधी ने यहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 90 प्रतिशत लोग व्यवस्था से बाहर बैठे हैं और उनकी भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता और इसके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की बाधा को तोड़ा जाएगा।
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मायावती का कांग्रेस पर तीखा हमला
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने इस आयोजन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी कांग्रेस पार्टी को कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने कल प्रयागराज में संविधान समारोह का आयोजन किया, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को ना तो जीते जी ना ही मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया। इतना ही नहीं, मान्यवर कांशीराम जी के निधन पर भी एक दिन का भी राजकीय शोक नहीं रखा गया।
यहां तक सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से सावधान रहें। इसके अलावा मायावती ने कांग्रेस से सवाल किया है कि अगर कांग्रेस पार्टी इतने सालों तक सत्ता में थी तो उसने जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई, जबकि बीएसपी हमेशा से इसके पक्ष में रही है, क्योंकि यह कमजोर वर्गों के हित के लिए बहुत जरूरी है।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस की चुप्पी को लेकर मायावती ने कहा, संविधान के तहत एससी/एसटी को दिए गए आरक्षण को अप्रभावी बनाने तथा वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के माध्यम से इसे समाप्त करने की चल रही साजिश में कांग्रेस, सपा व भाजपा आदि की चुप्पी, क्या यही उनका दलित प्रेम है? सावधान रहें। क्या किसी भी चुनाव में इन आरक्षण विरोधी पार्टियों जैसे सपा और कांग्रेस आदि के साथ गठबंधन करना एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के हित में उचित होगा? ऐसा बिल्कुल नहीं होगा, ऐसे में अब उन्हें खुद ही खड़ा होना होगा, यही सलाह है।