सराहनीयः ग्रामीणों की मदद से रुकी नाबालिग की शादी

सोनभद्रः केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनको जितना सराहा जाए कम है। जैसे मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाया गया उसी तरह अब बेटियों की शादी की उम्र भी 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दी गई है। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जो बेटियों की शादी उम्र से पहले ही करा देना चाहते हैं, ऐसा ही एक मामला सोनभद्र से सामने आया है जहां एक नाबालिग बेटी की शादी की जा रही थी जिसे रोक दिया गया।

मिली जानकारी के मुताबित, महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी को स्थानीय गांव के व्यक्ति ने जानकारी दी थी कि थाना बीजपुर सोनभद्र में नाबालिग लड़की की शादी राजस्थान के निवासी के साथ किये जाने की तैयारी हो रही है। जिसकी सुचना अपर जिलाधिकारी सोनभद्र को दी गई, डीएम ने संबंधिक अधिकारी को इस पर तुरंत एक्शन लेने को कहा, सूचना के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टण्डन द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई सोनभद्र से संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता रोमी पाठक, ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे, महिला शक्ति केंद्र से जिला समन्वयक साधना मिश्रा की टीम का गठन करते हुए निर्देशित किया गया कि इस वे तत्काल संज्ञान लेते हुए पूरी रिपोर्ट बनाई जाए।

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टीम द्वारा थाना बीजपुर से समन्वय स्थापित करते हुए विवाह स्थान पर पहुंचे जहां पर बरात दरवाजे पर आ गयी थी और शादी करने की तैयारी चल रही थी तभी टीम द्वारा बालिका के माता-पिता से बालिका के उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगे गए, बालिका के उम्र के संबंध में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर बालिका की उम्र 16 वर्ष पाई गई, टीम द्वारा बालिका के माता-पिता व अन्य उपस्थित लोगों को बाल विवाह एक कानूनन अपराध है, बाल विवाह से होने वाले हानियों के बारे में भी बताया गया। नाबालिग को अपने अभिरक्षा में लेते हुए संबंधित अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई।

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