Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर बीड़ जिले में हुई हिंसा में पुलिस ने 66 मामले दर्ज किए हैं और 160 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में करीब 2000 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के आदेश पर पुलिस ने आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है।
आंदोलनकारियों से नुकसान की होगी भरपाई
बीड़ जिले के पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि पुलिस को इस मामले के 200 से अधिक वीडियो मिले हैं और आंदोलनकारियों की सक्रियता से तलाश की जा रही है। पुलिस की स्पेशल 8 टीम इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस घटना में किसी भी आंदोलनकारी को जाति के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से की जाएगी। पिछले हफ्ते मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के लिए जालना जिले में भूख हड़ताल शुरू की थी।
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सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचा था नुकसान
जारांगे की भूख हड़ताल के समर्थन में बीड़ में मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों ने दो विधायकों समेत कई नेताओं के घर जला दिये थे। कई सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई और एसटी महामंडल के सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों की धरपकड़ शुरू कर दी है।
हिंसा की हो गहन जांच-छगन भुजबल
मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने आज पत्रकारों से कहा कि पुलिस मराठा युवाओं को बेवजह परेशान कर रही है, जबकि मराठा समुदाय हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन करता रहा है। मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि मराठा आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से हिंसक घटनाएं की गईं और इसकी गहन जांच होनी चाहिए। मंत्री छगन भुजबल ने भी हिंसा मामले की गहन जांच की मांग की है। छगन भुजबल ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान 70 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे वहीं करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
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