उत्तर प्रदेश

पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों को करना पड़ा हार का सामना, पूर्व विधायक की पत्नी भी हुईं पराजित

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रायबरेलीः पंचायत चुनावों के परिणाम में भी अजब-गजब नजारा देखने को मिला। इन चुनाव में कई दिग्गज अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर मैदान में तो उतर गए लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। कई सीटों पर तो इन्हें युवाओं के हाथ भारी वोटों से हार मिली। अपने को बेहद मजबूत मानकर चल रहे इन दिग्गजों पर जनता ने इस बार भरोसा नहीं किया। एक सीट पर तो पूर्व विधायक, उनकी पत्नी सहित एक अन्य पूर्व विधायक बुरी तरह से हार गए तो दूसरी सीट पर एमएलसी दिनेश सिंह की अनुज वधु व पूर्व जिला पंचायत सदस्य को करारी हार का सामना करना पड़ा है। दरअसल, जिला पंचायत चुनाव में दिग्गजों ने अपनी बिसात बिछाई थी कोई पर्दे के पीछे से तो कोई सीधा मैदान में उतर गया था। जिला पंचायत अध्यक्ष अनुसूचित जाति का होने से कई कद्दावर नेताओं की नजर लगी हुई थी। कुछ दिग्गज तो खुद ही मैदान में उतर गए थे।

रायबरेली की महराजगंज प्रथम से सर्वाधिक रोचक मुकाबला था, यहां से पूर्व विधायक श्यामसुंदर भारती, उनकी पत्नी चंद्रकली व भाजपा से पूर्व विधायक राजाराम त्यागी चुनाव में आमने-सामने आ गए। इसी सीट से पूर्व विधायक रामलाल अकेला के बेटे विक्रांत अकेला भी चुनावी मैदान में आ गए। इतने दिग्गजों के चुनावी मैदान में आने से मुकाबला काफी रोचक हो गया और सभी की निगाहें इस ओर लगी रही, लेकिन चुनाव परिणाम बेहद चौंकाने वाला रहा। यहां से दोनों पूर्व विधायक,एक पूर्व विधायक की पत्नी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

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सपा के पूर्व विधायक के बेटे विक्रांत अकेला ने चुनाव में सबको पटखनी देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी तय कर ली। इसी तरह एक अन्य सीट जिस पर एमएलसी और भाजपा नेता दिनेश प्रताप सिंह की प्रतिष्ठा लगी हुई थी। हरचंदपुर तृतीय सीट जिस पर उनकी अनुज वधु व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें एक सपा समर्थित उम्मीदवार ने करीब 5 हजार वोटों से शिकस्त दे दी। इस हार से रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष की राजनीति की दिशा ही बदल गई। वैसे अब तक के आये परिणामों में सपा समर्थित व कई निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की खबरें हैं। भाजपा को इन चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके पीछे ज्यादातर सीटों पर बागियों का उतरना भी बड़ा कारण है। जिला पंचायत चुनाव के इन परिणामों से कई राजनीतिक हलचल आगे देखने को जरूर मिल सकती है।