नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिपरिषद विस्तार से ठीक पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस्तीफा देने की बात कही है।
इन दस मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
निशंक और डॉ. हर्षवर्धन के साथ ही श्रम मंत्री संतोष गंगवार, देबोश्री चौधरी, संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा, रतनलाल कटारिया और प्रताप सारंगी ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है।
निशंक हाल ही में कोरोना संक्रमण से उबरने के कुछ दिन बाद से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें तकरीबन 15 दिन तक आईसीयू में भी रहना पड़ा था। स्वास्थ्य कारणों के चलते उनके इस्तीफे की बात कही जा रही है। हालांकि, चर्चा यह भी है कि भाजपा नेतृत्व उन्हें वापस उत्तराखंड की राजनीति में भेजने पर विचार कर रहा है। उत्तराखंड में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
वहीं, कोरोना महामारी के दौरान देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति, रेमडेसिवर दवा की किल्लत, अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था वाले बिस्तरों की कमी के कारण केंद्र की खासी फजीहत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके लिए केंद्र को फटकार लगाई थी। ऐसे में हर्षवर्धन पर गाज गिरनी ही थी। यही कारण है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने डॉ. हर्षवर्धन को बाहर जाना पड़ा। उधर, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी सीट न बचा पाने और मंत्रालय में बेहतर परिणाम न दे पाने के कारण बाबूल सुप्रीयो को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। वहीं, पश्चिम बंगाल से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली देवश्री चौधरी को भी पद से हाथ धोना पड़ा है।
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