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मनु के निशाने पर था मेडल और दिमाग में चल रहा था गीता का ज्ञान, ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद किया खुलासा

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Paris Olympics 2024, पेरिस: भारत की मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पेरिस 2024 ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गईं। इस ऐतिहासिक जीत के बाद भाकर ने कहा कि भारत में इस पदक का लंबे समय से इंतजार था, क्योंकि देश के निशानेबाज पिछले दो ओलंपिक रियो (2016) और टोक्यो (2020) से खाली हाथ लौटे थे।

22 वर्षीय निशानेबाज ने कहा कि भारत और भी अधिक पदकों का हकदार है। पदक जीतने के बाद मनु ने कहा, “मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं और यह भारत के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित पदक था। मैं इसे हासिल करने का सिर्फ एक माध्यम थी, भारत अधिक से अधिक पदकों का हकदार है। हम इस बार अधिक से अधिक स्पर्धाओं में भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं। पूरी टीम ने वास्तव में कड़ी मेहनत की है। और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह एक सपने जैसा है।”

मैच के बाद Manu Bhaker ने किया बाड़ा खुलासा

मैच के बाद के इंटरव्यू में मनु ने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने अच्छा काम किया, बहुत मेहनत की और आखिरी शॉट तक पूरी ताकत से लड़ती रही। यह कांस्य पदक था। लेकिन मैं वास्तव में आभारी हूं कि मैं जीत सकी, शायद अगली बार परिणाम बेहतर हो।” मनु अपने दूसरे ओलंपिक खेलों में भाग ले रही हैं और एक अन्य स्पर्धा में शूटिंग करने जा रही हैं। मनु से पहले गगन नारंग और विजय कुमार ने 12 साल पहले लंदन ओलंपिक में शूटिंग में पदक जीते थे।

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मनु भाकर से पूछा गया कि फाइनल के आखिरी क्षणों में उनके दिमाग में क्या चल रहा था। उन्होंने कहा, “मैंने गीता बहुत पढ़ी है, इसलिए मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि जो करना है वो करो और परिणाम के बारे में मत सोचो। गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि कर्म पर ध्यान दो, फल की इच्छा मत करो। इसलिए मैं सिर्फ अपना काम करने पर ध्यान दे रही थी।”

टोक्यो ओलंपिक में मिली थी निराशा 

मनु टोक्यो ओलंपिक की निराशा से उबर चुकी हैं, जहां उनकी पिस्तौल में तकनीकी खराबी आ गई थी और उन्हें क्वालीफिकेशन से बाहर होना पड़ा था। मनु ने कहा, “टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी। मुझे इससे उबरने में काफी समय लगा। हालांकि, मैं और मजबूत होकर लौटी और यही मायने रखता है।”

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