कोलकाताः पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के 80 दिनों बाद आखिरकार इसी मामले में प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष तथा तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। गत 23 जुलाई को जब पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई थी तब माणिक के घर भी तलाशी अभियान चलाया गया था। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी का मोबाइल फोन जब्त किया गया तो उसमें माणिक भट्टाचार्य के मैसेज पाये गये जिन्हें चार्जशीट के साथ कोर्ट में पेश कर दिया गया है।
माणिक का नम्बर पार्थ के फोन में “माणिक भट्टाचार्य ल” के रूप में सेव था। दोनों के बीच कई बार बातचीत हुई थी। माणिक भट्टाचार्य ने एक मैसेज भेजा था जिसमें प्राथमिक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा (टेट) इंटरव्यू के सम्बंध में लिखा था, “10 मिनट मुझे दे दो कल उसके घर जाऊंगा”। इसके जवाब में पार्थ ने लिखा था, “ओके”। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि यह मैसेज टेट की परीक्षा देने वाले एक उम्मीदवार के बारे में बातचीत से सम्बंधित है।
पार्थ ने माणिक भट्टाचार्य को उस उम्मीदवार की नियुक्ति के एवज में कथित तौर पर रुपये वसूलने की जिम्मेवारी दी थी जिसके जवाब में माणिक ने यह मैसेज किया था। यह मैसेज 12 दिसम्बर 2020 को भेजा गया था। दावा है कि ऐसे कई सारे साक्ष्य हैं जो यह साबित करते हैं कि पार्थ चटर्जी के साथ शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में माणिक भट्टाचार्य सीधे तौर पर शामिल रहे हैं। उन्हें मंगलवार तड़के गिरफ्तार किया गया है।
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