कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी ने 294 में से तीन सीटें सहयोगी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लिए छोड़कर बाकी 291 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें उन्होंने कई वरिष्ठ मंत्रियों के टिकट काटे हैं। चर्चित चेहरों में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी शामिल है। उन्हें इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। उनके शिक्षा मंत्री रहते शिक्षक नियुक्ति से लेकर तमाम शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार भ्रष्टाचार और अदालती फटकार का सामना ममता बनर्जी की सरकार को करना पड़ा है जिसकी वजह से उनकी काफी किरकिरी हुई है। माना जा रहा है कि इसी वजह से उनका टिकट काटा गया है।
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष और राज्य के वित्त व उद्योग मंत्री अमित मित्रा को भी उम्मीदवारों की सूची से बाहर कर दिया गया है। इसके लिए ममता ने सफाई दी है कि 80 साल से अधिक उम्र के उम्मीदवारों को इस बार टिकट नहीं दिया गया है। मंत्री पूर्णेन्दु बसु का भी टिकट ममता ने काट दिया है।
जोड़ासांको से विधायक स्मिता बक्शी का भी टिकट काटा गया है। उनकी जगह एक मशहूर हिंदी दैनिक अखबार के मालिक विवेक गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है। ममता बनर्जी ने टिकट की घोषणा करते हुए दावा किया कि वह बाकी राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी संवैधानिक नियमों के मुताबिक विधान परिषद का गठन करेंगी जिसमें राज्य के उन मंत्रियों को शामिल किया जाएगा जिनका टिकट काटा गया है।
तृणमूल के वरिष्ठ विधायक जटटू लाहिरी का टिकट कटा है। तृणमूल के 50 मौजूदा विधायकों का टिकट कटा है। भाजपा नेता शोभन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी को भी तृणमूल ने टिकट दिया है।
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नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी ममता बनर्जी
आपको बता दें कि खुद ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। हर बार वो भवानीपुर से चुनाव लड़ती आई हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सिर्फ नंदीग्राम से लड़ने की बात कही है। बता दें कि टीएमसी से बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारी ने भी नंदीग्राम से लड़ने की बात कही है। शुभेंदु की इस इलाके में पकड़ मानी जाती है, यही कारण है कि ममता खुद यहां आ गई हैं ताकि टीएमसी को मजबूत किया जा सके।