लखनऊ : राजधानी पुलिस ने आखिरकार महेंद्र मौर्या हत्याकांड (Mahendra Maurya) का खुलासा कर दिया। पुलिस के अनुसार, महेन्द्र की हत्या एकतरफा प्यार में की गई, जो मृतक की पत्नी से एक तरफा प्यार करता था। उसने महेन्द्र के पिता को धमकी दी थी कि बेटे की हत्या कर विधवा बहू से शादी कर लेगा। महेन्द्र की पत्नी का रिश्ते में मामा संजय मौर्या ने महेन्द्र की हत्या की। फिलहाल लखनऊ पुलिस के हाथ संजय की काॅलर तक अभी तक नहीं पहुंच सके हैं।
महेन्द्र की हत्या में शामिल दो आरोपी शिकंजे में –
लखनऊ के ठाकुरगंज के भुहर पुल के पास 25 जुलाई की रात कपड़ा कारोबारी महेंद्र मौर्या (28) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने इसके लिए करीब ग्यारह राउंड गोलियां तड़तड़ाई थीं। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को अपनी गिरफ्त में लेेकर मामले का पर्दाफाश किया है। पकड़े गये आरोपियों के पास से एक अल्टो कार जिसका नम्बर यूपी 32 केएफ 0248 व बाइक आर-वन-फाइव यामाहा जिसका नम्बर यूपी 32 एचके 4550 बरामद की है। पुलिस के अनुसार इन वाहनों का प्रयोग वारदात को अंजाम देने में किया गया। फिलहाल पुलिस इस मामले में अभी भी मुख्य आरोपी सहित चार लोगों की तलाश कर रही है।
एक तरफा प्यार की दीवानगी –
पुलिस के मुताबिक वारदात एक तरफा प्यार में पड़कर अंजाम दी गई थी। महेन्द्र (Mahendra Maurya) की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी संजय मौर्य मृतक की पत्नी से एक तरफा प्यार करता था। उसने परिवार वालों को कई बार धमकी दी थी जिसे महेन्द्र व उसके परिजनों ने नजरअंदाज कर दिया था।
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घैला पुल के पास से गिरफ्तार हुए दो अभियुक्त –
बीते रविवार थाना मलिहाबाद निवासी सतीष गौतम उर्फ अनुज गौतम पुत्र राजा राम निवासी चिहंुटा अहमदाबाद कटोरी व मुकेश रावत पुत्र विश्वनाथ सैफलपुर थाना काकोरी को घैला पुल बंधा मोड़ आईआईएम रोड से 2ः30 बजे गिरफ्तार किया गया। उनके पास से हत्या में प्रयुक्त अल्टो कार व मोटरसाइकिल बरामद किया गया है।
डीसीपी ने बताया, हत्याकांड में दोनों का किरदार –
डीसीपी (पश्चिम) एस. चिनप्पा के अनुसार पकड़े गये आरोपियों में सतीश गौतम मुख्य आरोपी संजय के साथ पुल के नीचे मौजूद था। जबकि काकोरी के सैफलपुर का मुकेश रावत दूसरे साथी दिनेश के साथ बाइक से महेंद्र के रिंग रोड स्थित उसके कपड़े के शोरूम से पीछा कर रहा था। वारदात स्थल पर पहुंचने से पहले ही अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाई और आगे लगा दिया। इसी बीच भुहर पुल के नीचे पहले से मौजूद इन दोनों के अन्य साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया।
महेंद्र की पत्नी से एक तरफा प्यार करता है मुख्य आरोपी –
डीसीपी एस. चिनप्पा के मुताबिक महेंद्र (Mahendra Maurya) की शादी 25 जनवरी 2022 को हुई थी। चोर घाटी सआदतगंज का संजय मौर्या महेंद्र की पत्नी से प्यार करता था। संजय मौर्या मृतक महेन्द्र मौर्या की पत्नी से शादी करना चाहता था किन्तु मृतक महेंन्द्र की पत्नी संजय मौर्या की रिश्ते में भांजी लगती थी इसीलिए यह शादी संभव नहीं थी। इसलिए संजय मौर्या की शादी उसके घरवालों ने अन्यत्र कर दी और मृतक की पत्नी जिससे संजय को प्रेम था उसकी शादी महेन्द्र मौर्या से करवा दी गई लेकिन संजय न तो अपनी शादी से खुश था, न अपनी भांजी की शादी से। उसने यह तय कर लिया था कि वह किसी भी कीमत पर महेन्द्र मौर्या को रास्ते से हटा देगा और महेन्द्र मौर्या की पत्नी जो उसकी भांजी लगती है उसको अपने पास रख लेगा।
संजय मौर्या ने दोस्तों से करवाई रेकी –
कुछ दिनों पूर्व महेन्द्र मौर्या (मृतक) एवं संजय मौर्या के मध्य लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर इसी बात को लेकर काफी बाद-विवाद हुआ था और महेन्द्र मौर्या ने संजय मौर्या को चेतावनी दी थी कि वह उसकी पत्नी के रास्ते से हट जाए अन्यथा वह गंभीर परिणाम के लिए तैयार रहे। इस बात से संजय मौर्या काफी गुस्सा रहने लगा और उसने अपने पुराने मित्र सतीश गौतम एवं मुकेश रावत को महेन्द्र मौर्या की रेकी के लिए लगाया कि वह किस समय दुकान से आता-जाता है। कौन साथ होता है।
महेन्द्र को रास्ते से हटाने के लिए दोस्त को जेल से रिहा करवाया –
इसी दौरान उसने अपने एक पुराने मित्र ज्ञान सिंह यादव उर्फ जान जो आपराधिक प्रवृत्ति का है, को बाराकी जेल से रिहा करवाया ताकि उसके साथ घटना को अंजाम दिया जा सके। फिर उसने इसी क्रम में दिनेश सिंह खकुर पुत्र बाहिर भटाना पारा लखनऊ को भी इस बात के लिए तैयार किया कि वह अपना आईडी प्रूफ उसे दे दे ताकि वह नया सिम इशू करा सके और पुलिस उसे न पकड़ सके। शनि कश्यप उर्फ कुलदीप कश्यप पुत्र मुन्ना लाल कश्यप निवासी दुबग्गा को पैसे देकर इस बात के लिए राजी कर लिया कि यदि कोई प्रतिरोध होता है तो वह उससे निपटेगा।
घटना वाले दिन का ब्यौरा –
घटना वाले दिन जब महेन्द्र मौर्या (Mahendra Maurya) अपनी दुकान बंद कर घर के लिए जा रहा था तो दुकान से 500 मीटर आगे घर के रास्ते पर संजय मौर्या, सतीश के साथ गाड़ी में अपने शूटर मित्र ज्ञान यादव एवं शनि के साथ ओवर ब्रिज के नीचे पहले से मौजूद था, वहीं, मुकेश रावत एवं दिनेश ठाकुर महेन्द्र का दुकान से पीछा कर रहे थे। जैसे ही मृतक महेन्द्र मौर्या दुकान से निकला मुकेश रावत ने फोन से संजय को अवगत करा दिया और ओवरब्रिज के नीचे टर्निंग प्वाइंट पर जैसे ही महेन्द्र की गाड़ी रोड खराब होने के कारण धीमी हुई तो सतीश ने अपनी गाड़ी महेन्द्र की गाड़ी के आगे लगा दिया ताकि वह भाग न सके। महेन्द्र ने जैसे ही अपनी गाड़ी रोकी तभी संजय मौर्या एवं ज्ञान यादव गाड़ी से उतरकर महेन्द्र की गाड़ी को दोनों और घेरकर फायरिंग करना शुरू कर दिया जिसमें महेन्द्र मौर्या की मौत हो गयी। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी जिस तरह से कार व बाइक से आये थे। उसी गाड़ी से वापस भाग निकले। पुलिस के मुताबिक अभी इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी संजय, उसके सहयोगी, ज्ञान सिंह यादव उर्फज्ञानी, दिनेश सिंह ठाकुर, शनि कश्यप की तलाश की जा रही है।
अलावा पांच अन्य का लिया साथ –
एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक महेंद्र की हत्या के लिए संजय मौर्या ने पांच अन्य अपराधियों का साथ लिया। इसमें शूटर सलेमपुर पतौरा का ज्ञान सिंह यादव उर्फ ज्ञानी, बुद्देश्वर भपटामऊ का दिनेश सिंह ठाकुर, मलिहाबाद के चिहुंटा का सतीश गौतम उर्फ अनुज, दुबग्गा के अवध इंक्लेव का शनि कश्यप उर्फ कुलदीप कश्यप और सैफलपुर का मुकेश रावत शामिल है। संजय ने सभी को अलग-अलग काम दिया था। इसमें मुकेश और सतीश का काम महेंद्र (Mahendra Maurya) की रेकी करना था। वहीं दिनेश सिंह ठाकुर का परिचय पत्र प्रयोग कर नया सिम जारी कराया गया। ताकि पुलिस न पकड़ सके। शनि कश्यप को इसके लिए रुपये दिये गये थे कि यदि वारदात के दौरान कोई विरोध होता है। उससे वह संभालेगा। वारदात के समय संजय, सतीश गौतम, ज्ञान सिंह यादव और शनि भुहर पुल के नीचे पहले से इंतजार कर रहे थे। मुकेश रावत व दिनेश ठाकुर ने महेंद्र का पीछा दुकान से शुरू किया। हर पल की खबर देते रहें।
- पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट
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