पुणे: वैश्विक मंदी के दौर में भी केंद्र और राज्य सरकारों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) वरदान साबित होने लगा है। महाराष्ट्र से सर्वाधिक 33.196 करोड़ जीएसटी संग्रह (GST collection) हुआ है,जबकि सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश केवल 10,320 करोड़ के कलेक्शन के साथ पांचवे स्थान पर है।
आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह (GST collection) 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस प्रकार वार्षिक आधार पर 12 फीसदी की अच्छी बढ़ोतरी हुई है। यह एक महीने में जुटाया गया सबसे अधिक GST राजस्व है। वित्त वर्ष 2022-23 में GST का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 फ़ीसदी अधिक है। विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी संग्रह ज्यादा होना इंडिया की ग्रोथ स्टोरी कायम रहने का स्पष्ट संकेत है।
देश की GDP दर में वृद्धि की संभावना –
वैश्विक मंदी (Global recession) के माहौल में अब अप्रैल-जून 23 की तिमाही में देश की जीडीपी दर (GDP) में अच्छी वृद्धि की संभावना बन चुकी है। बढ़ते राजस्व से केंद्र और राज्य सरकारों का अपना घाटा कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही विकास कार्यों के लिए अधिक राशि उपलब्ध हो सकेगी। अप्रैल में सकल जीएसटी संग्रह (GST collection) 1,87,035 करोड़ रुपये रहा, इसमें केंद्रीय जीएसटी (central GST) 38, 440 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (State GST) 47,412 करोड़ रुपये ओर एकीकृत जीएसटी (Integrated GST) 89,158 करोड़ रुपये रहा।
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राज्यों में जीएसटी संग्रह –
राज्य
|
जीएसटी संग्रह |
* महाराष्ट्र- | 33,196 करोड़ |
* कर्नाटक- | 14,593 करोड़ |
* गुजरात- | 11,721 करोड़ |
* तमिलनाडु- | 11,559 करोड़ |
* उत्तर प्रदेश- | 10,320 करोड़ |
* हरियाणा- | 10,035 करोड़ |
* प. बंगाल- | 6,447 करोड़ |
* दिल्ली- | 6,320 करोड़ |
* तेलंगाना- | 5,622 करोड़ |
* ओडिशा- | 5,036 करोड़ |
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