पुणे: पारंपरिक ईंधन को ग्रीन ईंधन का विकल्प बनाने के लिए जहां देशभर में प्रयास चल रहे हैं। इसी क्रम में देश के अन्य सभी राज्यों से कहीं अधिक ई-वाहनों का उपयोग एवं मांग महाराष्ट्र में बढ़ी है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल बिक्री के मामले में कर्नाटक दूसरे, तमिलनाडु तीसरे, गुजरात चौथे तथा राजस्थान पांचवें स्थान पर है।
केवल महाराष्ट्र की बात करें तो मुंबई से भी अधिक पुणे और पिंपरी चिंचवड में सर्वाधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुणे महानगर में नौ हजार इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ, वहीं समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022- 23 में यहां 29 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। सही मायने में गत वित्तीय वर्ष से ही वाहनों का रजिस्ट्रेशन 3 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। देश के अन्य राज्यों के किसी भी शहर की तुलना की जाए तो यह संख्या यहां की ज्यादा है। वित्तीय वर्ष के आखिर में राज्य के परिवहन विभाग द्वारा प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों के काम और नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन का जायजा लिया गया जिसके अनुसार पुणे आरटीओ ने सोमवार को वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़े जारी किए हैं।
वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़े –
वित्त वर्ष 2021- 22
कुल वाहन-1,70,537
वित्त वर्ष 2022- 23
कुल वाहन 2,92,259
वित्त वर्ष 2022- 23 में पुणे महानगर में 29 हजार 851 वाहन खरीदे गए।
सवा लाख वाहन बढ़े –
वित्त वर्ष 2022- 23 में पुणे में सभी प्रकार के 2 लाख 92 हजार 259 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसमें एक लाख 85 हजार 666 टू व्हीलर और 76 हजार 224 कार शामिल हैं। वित्त वर्ष 2021 22 में एक लाख 70 हजार 537 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ।
महाराष्ट्र में वाहनों की संख्या –
मुम्बई – 3- आरटीओ 9611
सोलापुर- 2665
नागपुर- 3- आरटीओ- 15147
पिम्परी- चिंचवड़- 17721
पुणे- 28851
देश में ई-व्हीकल्स
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कर्नाटक 1 लाख 93 हजार 498, तमिलनाडु 1 लाख 11 हजार 604, गुजरात 86 हजार 116, राजस्थान 81 हजार 977, दिल्ली 57 हजार 13, उत्तर प्रदेश 42 हजार, 906 केरल 53 हजार 8,आंध्र प्रदेश 40 हजार 370, ओडिसा 37 हजार 663, मध्य प्रदेश 36 हजार 162, छत्तीसगढ़ 25 हजार 64, बिहार 15 हजार 713, पंजाब 14 हजार 186, पश्चिम बंगाल 12 हजार 625, पांडिचेरी 3 हजार 28, झारखंड 1 हजार 311, मणिपुर 68, मेघालय 56, मिजोरम 56 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
देश में 3 वर्षों में रजिस्ट्रेशन –
- वर्ष 2020 – 1 लाख 24 हजार 26
- वर्ष 2021- 3 लाख 29 हजार 808
- वर्ष 2022 – 10 लाख 20 हजार 679
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के नरोत्तम भाई पाटिल का कहना है कि ई-वी सस्ती होती हैं। इसे चार्ज करने में उतनी समस्या नहीं होती है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलने में काफी शानदार होती हैं और चलने के दौरान ज्यादा आवाज नहीं करती हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण कम होता है। रनिंग कॉस्ट भी फ्यूल की तुलना में कम होती है।
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