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MahaKumbh भगदड़ की जांच करेगा न्यायिक आयोग, मृतकों के आश्रितों को मिलेगा 25 लाख का मुआवजा

Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर संगम नोज पर हुए हादसे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। हादसे की जांच पुलिस भी करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक गुरुवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे। राज्य सरकार मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।

Mahakumbh 2025: भगदड़ में 30 लोगों की मौत

गौरतलब है कि संगम नोज पर मंगलवार रात मची भगदड़ में 90 श्रद्धालु घायल हुए थे, जिनमें से 30 की मौत हो गई।महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “घटना अत्यंत दुखद है, मृतकों के प्रति मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। हम इस घटना की गहन जांच कराकर इसकी तह तक पहुंचेंगे।”

हादसे की जानकारी देते हुए सीएम योगी हुए भावुक

इसके अलावा हम इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस स्तर पर भी अलग से जांच कराएंगे। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। न्यायिक आयोग पूरे मामले की जांच कर समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।” इस घटना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए।

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इस दुर्घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार को बनाया गया है। आयोग के सदस्य पूर्व डीजीपी वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस बी.के. सिंह हैं। न्यायिक आयोग पूरे मामले की जांच कर समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।

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हादसे में 90 श्रद्धालु घायल

बुधवार को मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेडिंग टूटने से यह हादसा हुआ। जमीन पर लेटे श्रद्धालु भाग रहे श्रद्धालुओं के पैरों तले कुचल गए। उन्होंने बताया कि हादसे में 90 श्रद्धालु घायल हुए, जिनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 25 मृतकों की पहचान हो गई है। शेष पांच की पहचान के प्रयास जारी हैं। 24 घायलों को घर भेज दिया गया है। 36 घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

हेल्पलाइन नंबर जारी 

मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि आज कोई वीवीआईपी या वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। आज किसी भी वीआईपी वाहन की एंट्री नहीं थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अमृत स्नान के पर्व पर वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं रहेगा। मेला अधिकारी ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों और घायलों की जानकारी के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया।

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