MahaKumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) से पहले ही श्रद्धालुओं का हूजूम उमड़ पड़ा है। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पावन संगम में श्रद्धा और आस्था से ओतप्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान नित नए कीर्तिमान बना रहा है।
MahaKumbh 2025: अब तक 15 करोड़ ने ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी
इसी क्रम में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के अमृत स्नान से पहले दो दिन (रविवार-सोमवार) को 3.3 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। रविवार को जहां 1.74 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया तो वहीं सोमवार को रात 8 बजे तक 1.55 करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगाई। वहीं मंगलवार यानी आज सुबह 8 बजे तक 34.50 लाख श्रद्धालु यहां स्नान कर चुके हैं। संगम तट पर आयोजित महाकुंभ को 16 दिन हो चुके हैं। इन 16 दिनों में 15 करोड़ से ज्यादा लोग त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
Mauni Amavasya पर 10 करोड़ लोगों के आने संभावना
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को ही महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई थी। योगी सरकार का अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ लोग आएंगे और पूरे महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने संभावना है। प्रयागराज में श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों के उत्साह और उमंग में कोई कमी नहीं है। देश-दुनिया से श्रद्धालु हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धा और आस्था के साथ पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
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MahaKumbh 2025: मौनी अमावस्या से पहले महाकुंभ में उमड़ा हुजूम
मौनी अमावस्या के सबसे प्रमुख अमृत स्नान को देखते हुए अब यह संख्या करोड़ों में पहुंच रही है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले रविवार को पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देश के विभिन्न राज्यों और दुनिया के कई देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। इस समय संगम के तट पर पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक देखने को मिल रही है। ऊंच-नीच, जाति, पंथ से ऊपर उठकर लोग संगम में स्नान कर एकता के महाकुंभ के संकल्प को साकार कर रहे हैं।
शहरवासियों में भी खुशी की लहर है
महाकुंभ में जहां एक ओर करोड़ों लोग स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं, वहीं प्रयागराज शहर का सामान्य जनजीवन भी रोजाना की तरह सुचारू रूप से चल रहा है। शहरी जनजीवन पर स्नानार्थियों का कोई दबाव नहीं है। जिला प्रशासन ने सिर्फ प्रमुख स्नान पर्वों के दिन कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि बाकी दिनों में स्कूल, दफ्तर, कारोबार अपनी गति से चल रहे हैं। इससे शहरवासियों में भी खुशी की लहर है।