Mahakumbh 2025 : तीर्थराज प्रयाग की त्रिवेणी संगम पर आध्यात्म का अद्भुत नजारा देखने का मिल रहा है। कुम्भ क्षेत्र में चारों तरफ तीर्थयात्री एवं भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा से अभिसिंचित हो रहे हैं। चहुंओर, संतों की हर शिविर में वगैर शोरगुल के विशिष्ट व विभिन्न प्रकार के अुनष्ठान किए जा रहे हैं। महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर 8 में एक विश्व प्रसिद्ध संत की शिविर में 40 हजार लोटे से जलाभिषेक हो रहा है।
40 हजार लोटे से किया जा रहा अभिषेक
यह जलाभिषेक श्री त्रिदंडी स्वामी के शिष्य श्री जियर स्वामी के शिविर में श्री रामानुजाचार्य की सहस्त्राब्दी जयंती के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। इस अवसर पर 40 हजार लोटे से श्रद्धालु प्रतिदिन अभिषेक कर रहे हैं। उनकी सहस्त्राब्दी जयंती पर कुल 12 लाख कलश अभिषेक होना है। बता दें, यह अभिषेक 12 फरवरी को सम्पन्न होगा।
पूज्य रामानुजाचार्य जी की 1000वीं जयंती
मीडिया प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, पूज्य रामानुजाचार्य जी का 1000वीं जयंती वर्ष चल रहा है। इस अवसर पर शिविर में प्रमुख आचार्यों की तरफ से विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, इसके लिए 40 हजार लोटे मंगाए गए हैं। जिसमें जल भरकर श्रद्धालु श्रीरामानुजाचार्य जी के स्मृति में ‘श्रीरामानुजाय नम:’ के मंत्रोच्चार से अभिषेक कर रहे हैं।
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Mahakumbh 2025 : श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने बताया स्नान का महत्व
पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि से कहा कि, प्रयागराज महाकुंभ मोक्ष देने का द्वार है। इस महाकुंभ में जो संगम पर स्नान कर लिया समझें उसका जीवन धन्य हो गया। जिसका बहुत बड़ा सौभाग्य होगा, वह इस महाकुंभ में अमृत स्नान में हिस्सा लेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जीवन में सबसे अनमोल वस्तु मर्यादा है। श्री रामचंद्र को मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के लिए वन-वन भटकना पड़ा। अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा तब वह श्री राम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बने। अतः किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में कितनी भी बड़ी परेशानी आ जाए विचलित नहीं होना चाहिए।