
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक इमामबाड़ा (Imambara) का एक बड़ा हिस्सा सोमवार रात तेज हवा और भारी बारिश के बाद भरभरा कर गिर गया। इस हादसे में नीचे खड़ा गाइड जख्मी हो गया। दरअसल स्वतंत्रता दिवस पर अवकाश होने की वजह से सोमवार को आसिफी इमामबाड़े में सुबह से ही बड़ी तादाद में पर्यटकों भीड़ जुटी हुई थी। शाम को तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश की वजह से भूल भुलैया के ऊपर बुर्ज के गुम्बद का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। बता दें कि लखनऊ में स्थित आसिफी इमामबाड़े, जिसे 1784 में अवध के नवाब आसफ-उद-दौला ने बनाया था। यह निजामत इमामबाड़ा (Imambara) के बाद दूसरा सबसे बड़ा इमामबाड़ा है।
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद आफताब हुसैन ने कहा कि स्मारक के उचित रखरखाव के बावजूद भारी बारिश के दौरान दीवार गिर गई। उन्होंने कहा, “घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद, साइट प्रभारी ने क्षेत्र का दौरा किया। उनके द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर, इंजीनियर जाएंगे और हुए नुकसान को देखेंगे, साथ ही इसकी एक रिपोर्ट भी सौपेंगे। इसके बाद, इसे बहाल किया जाएगा।” हालांकि, कार्यकर्ताओं ने कहा है कि खराब रखरखाव के कारण इमारत कमजोर हो गई और इसके चलते एक हिस्सा ढह गया। हेरिटेज एक्टिविस्ट मोहम्मद हैदर ने कहा, “हमने कई बार एएसआई को सूचित किया है, लेकिन इतनी शिकायतों के बावजूद, एएसआई द्वारा संरचना को मजबूत बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
रॉयल फैमिली ने जताई नाराजगी
उधर बेगमात रॉयल फैमिली ऑफ अवध की अध्यक्ष प्रिंसेस फरहाना मालिकी ने इमामबाड़े की बुर्जी गिरने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट और एएसआई पर ऐतिहासिक इमामबाड़े की देखरेख न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ऐतिहासिक धरोहरो की देख भाल नहीं करेगी तो आने वाली नस्लें ऐतिहासिक इमारतों को सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही देखने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने बुर्जी की मरम्मत जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की।
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