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सिटी बस बेड़े में शामिल होंगी 200 CNG बसें, रोजाना 10 हजार यात्रियों को मिलेगी सफर की सुविधा

लखनऊः पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और राजधानीवासियों को सार्वजनिक परिवहन की बेहतर सुविधा देने के लिए नगरीय परिवहन निदेशालय सिटी बसों का बेड़ा बढ़ाएगा। नगरीय परिवहन निदेशालय सिटी बस बेड़े में 200 सीएनजी बसें शामिल करेगा। इसके लिए निदेशालय की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राजधानी में इन बसों के आने से रोजाना 10 हजार यात्रियों को बेहतर सफर की सुविधा मिलेगी। अफसरों के अनुसार, यह प्रस्ताव लॉकडाउन से पहले भेजा गया था। अब कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद एक बार फिर से इस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। यात्रियों को सस्ती और बेहतर सुविधा देने के लिए नगरीय परिवहन निदेशालय अब वातानुकूलित सीएनजी बसों को लाने की तैयारी में लगा है।

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राजधानी की सड़कों पर चलाई गई थी 260 बसें

उल्लेखनीय है कि राजधानी में सिटी बस के रूप में सीएनजी बसों का संचालन वर्ष 2009 में शुरू हुआ था। उस दौरान जेएनएनयूआरएम योजना के तहत राजधानी की सड़कों पर संचालन के लिए 260 बसें लाई गई थीं। मौजूदा समय में अधिकांश बसें अब अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। हालांकि, जोड़-तोड़ कर 100 बसों का संचालन अभी भी किया जा रहा है। शहर में 260 बसों के संचालन के दौरान रोजाना 50 हजार यात्री सफर करते थे। जैसे-जैसे सड़कों पर इन बसों की संख्या कम होती गयी, वैसे-वैसे यात्रियों की संख्या भी घटती गयी। नगरीय परिवहन निदेशालय के संयुक्त निदेशक अजीत सिंह के अनुसार, राजधानी में सीएनजी बसों को सिटी बस के तौर पर संचालित किया गया। शहर के विस्तार को देखते हुए एक बार फिर से इन बसों के संचालन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इन बसों के आने से यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

वातानुकूलित होंगी सीएनजी बसें

नगरीय परिवहन निदेशालय के अफसरों के अनुसार इस बार जो बसें लाई जाएंगी, वह पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। इसके पूर्व जेएनएनयूआरएम के तहत लाई गई लोफ्लोर बसें ही वातानुकूलित थीं। नई आने वाली बसों में दिव्यांग भी आसानी से चढ़-उतर सकेंगे। इनमें रैम्प भी लगा होगा। महिलाओं के सफर के लिए भी यह बसें अनुकूल साबित होंगी। इन बसों में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे।

मानकों पर खरे न उतरने वाले चालक हटाए गए

मानकों की अनदेखी कर सिटी बसें संचालित करने वाले चालकों को बाहर का रास्ता दिखा गया है। सिटी बस प्रबंधन ने मानकों पर खरे न उतरने वाले तीन दर्जन चालकों को हटा दिया है। सिटी बस प्रबंधन के अनुसार ये चालक यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए बनाई गई गाइडलाइन की अनदेखी कर रहे थे। हालांकि, इन चालकों के हटाए जाने से करीब डेढ़ दर्जन इलेक्ट्रिक सिटी बसों का संचालन प्रभावित हुआ है। चालकों की कमी से यह बसें डिपो में खड़ी हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार ई-बसों के संचालन के लिए 51 चालकों की कमी है। इसके लिए सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी ने निजी कंपनी को नोटिस भेजकर चालकों की कमी को पूरा करने के लिए कहा है। मानकों पर खरा न उतरने वाले चालकों को हटाने के बाद अब सिटी बस प्रबंधन के पास 109 चालक ही बचे हैं। इसके चलते सिर्फ 38 बसों का संचालन किया जा रहा है, जबकि गोमतीनगर, गोसाईगंज, माल, मलिहाबाद, रहीमाबाद रूटों पर एक तिहाई बसें बंद हो गई हैं।

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