लखनऊः नगर निगम लखनऊ में आठ जोन हैं। इनमें कई जोन में कुछ गांव भी हैं। यह निगम में कई साल पहले शामिल किए गए थे, लेकिन इनमें लोग निगम की उपेक्षा के शिकार हैं। मच्छर जनित रोग यहां भी हैं, लेकिन परेशानी से उबारने के लिए निगम के पास किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। शहर के चर्चित स्थानों में ही विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर खानापूर्ति की जा रही है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर लखनऊ नगर निगम अपने क्षेत्रवासियों को मच्छर जनित रोग तथा डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार इत्यादि घातक रोगों से बचाने के लिए कई प्रयास कर रहा है। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित कर पूरे शहर में जोनवार नियमित फॉगिंग एवं एंटीलार्वा के आदेश दिए गए हैं। इसमें नालियों की साफ-सफाई भी शामिल है। नगर आयुक्त ने इसे युद्धस्तर पर चलाने के लिए कहा है मगर खास बात यह है कि पूरे शहर में वह गांव भी शामिल हैं, जो निगम में 2019 में शामिल किए गए थे।
इन गांवों में आज भी बारिश का पानी भरा है और मच्छरों की भरमार है। मच्छरों के प्रकोप के चलते लोगों के रातों की नींद गायब हो गई है। इसकी जानकारी भी निगम के लोगों को है, लेकिन साफ-सफाई तो दूर, यहां कभी फागिंग या फिर दवा का छिड़काव भी नहीं किया जाता है। हालांकि, पिछले दिनों नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के साथ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने अपनी टीम के साथ कई क्षेत्रों का दौरा किया था लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
अधिकारियों के दावे
अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से समस्त अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक जोन में टीमों का गठन किया गया है। नगर निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम के जरिए अभियान चलाया जा रहा है। अभियान अपर नगर आयुक्त डॉ. राकेश यादव के नेतृत्व में चलाया गया। अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह के नेतृत्व में डिप्टी सीएमओ, जोनल सेनेटरी अधिकारी, एक्स इंजीनियर, एसएफआई, मलेरिया इंस्पेक्टर एवं नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम भी शामिल है। सात नवम्बर को एक विशेष बैठक भी की गई थी, लेकिन इनके दावे में बाहरी इलाके नहीं हैं।
अपर नगर आयुक्तों की अध्यक्षता में गठित उक्त टीम द्वारा नगर निगम लखनऊ द्वारा की जा रही फागिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, ब्लीचिंग, चूना, सैनिटाइजेशन, पानी का छिड़काव व स्पिंकलिंग, खाली प्लॉटों से कूड़ा उठान, मच्छर पनपने के कारण जलजमाव व जलभराव को समाप्त किए जाने की कार्यवाही का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। यह भी कहा गया था कि अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के कर्मियों, हेल्थ वर्कर क्षेत्र में आवश्यक दवाओं के साथ उपस्थित होंगे। इस दौरान कहा गया था कि पशुओं की चरही आदि में भी निगरानी रखी जाए।
रिपोर्ट-शरद त्रिपाठी