उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में सावन मास में हर साल की तरह इस बार भगवान महाकाल की दिनचर्या में बदलाव होगा। आगामी 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। इस दिन से अवंतिकानाथ आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटा पहले जागेंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे। पुजारियों के अनुसार श्रावण मास में महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। अपने भक्तों को दर्शन कराने के लिए भगवान सावन में जल्दी जागते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश गुरु ने मंगलवार को बताया कि विशेष पर्व और त्योहारों को छोड़कर महाकालेश्वर मंदिर के पट वर्षभर तड़के चार बजे खोले जाते हैं, लेकिन सावन मास में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर की दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया जाता है। इस महीने प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा शेष दिनों में रात तीन बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। इसके बाद भस्म आरती होती है और फिर आम दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार 14 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है, इसलिए 13 जुलाई की रात तीन बजे मंदिर के पट खुलेंगे। भस्म आरती के उपरांत सुबह पांच बजे से सामान्य दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
प्रत्येक सोमवार पर दो घंटे पहले होगी संध्या पूजा
उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर शाम पांच बजे भगवान महाकाल की संध्या पूजा होती है। इसके बाद भगवान का भांग श्रृंगार किया जाता है, लेकिन श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार तथा भादौ मास में अमावस्या से पहले आने वाले सोमवार पर भगवान महाकाल की सवारी निकलती है, इसलिए इन सोमवार को संध्या पूजन के समय में बदलाव किया जाता है। इस दिन संध्या पूजन शाम पांच बजे के बजाय दोपहर तीन बजे की जाएगी।