जयपुरः कोतवाली थाना पुलिस ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर दिनदहाड़े हवाला कारोबारी के एजेंट से बीस लाख की लूट मामले में अंतरराज्यीय गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ग्यारह लाख रुपये व लूट में प्रयुक्त बाइक बरामद कर ली है। जो वारदात को अंजाम देकर भोपाल भाग गए। अन्य फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
अपर पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि 3 मई को कोतवाली थाना पुलिस के भेष में हवाला कारोबारी विपुल भाई भूरा भाई के एजेंट कासिम जाफरी (36) से बीस लाख की लूट के मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने कार्रवाई की थी। ठाणे, महाराष्ट्र, भोपाल का रहने वाला अंतर्राज्यीय गिरोह का बदमाश है। मध्य प्रदेश, मौदरवाजा फरुखाबाद उत्तर प्रदेश निवासी कामरान खान (42), मौदरवाजा फरुखाबाद उत्तर प्रदेश निवासी नदीम बेग (41) और कन्नौज निवासी मजार शेख (44) उत्तर प्रदेश हाल हांडीपुरा आमेर को भोपाल क्राइम की मदद से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार चारों बदमाशों के कब्जे से लूटी गई राशि में से ग्यारह लाख रुपये और घटना में प्रयुक्त एक बाइक बरामद कर ली गयी है। वहीं मामले में फरार बदमाश रहमत निवासी भोपाल मध्य प्रदेश हॉल ठाणे महाराष्ट्र, चिन्ना खां निवासी जलगांव महाराष्ट्र, भाकर अली उर्फ यूनुस निवासी ठाणे महाराष्ट्र, गुलाम निवासी भोपाल मध्य प्रदेश और मोहम्मद अली निवासी स्ट्रीट पुणे महाराष्ट्र की तलाश की जा रही है। आरोपी मजार शेख ने गिरोह के आठ बदमाशों को अपने घर में पनाह दी थी।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर-द्वितीय) धर्मेंद्र सागर ने बताया कि लूट को लेकर पुलिस टीमों को विभिन्न कार्यों के साथ तत्काल रवाना किया गया। पुलिस ने घटना से पहले और बाद में बदमाशों के रूटों का चार्ट बनाया। रूट चार्ट बनाकर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। फुटेज के आधार पर पुलिस टीम ने आमेर के हांडीपुरा में रहने वाले मजार शेख में छापेमारी की। मजार शेख को पकड़कर उससे पूछताछ करने के बाद उसने गिरोह को पनाह देना स्वीकार किया। होटल-गेस्ट हाउस में आईडी देने पर पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उसने आश्रय के लिए जयपुर में मजार शेख से दोस्ती की और घटना में शामिल हो गया।
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आरोपी मजार शेख से पूछताछ में खुलासा हुआ कि घटना में अंतर्राज्यीय गिरोह के आठ बदमाश शामिल हैं और दो बदमाशों का ग्रुप बनाकर ये सभी अलग-अलग काम करते हैं। पहले दो बदमाशों ने पहचान किए गए शख्स से संपर्क किया और रहने के लिए जगह तैयार की। उसके बाद दो और बदमाश रेकी करते हैं। इसके अलावा दो अन्य बदमाश घटना के लिए वाहन मुहैया कराते हैं और उसके बाद बाकी दो बदमाश पुलिसकर्मी बनकर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं। वहीं, घटना के बाद सभी बदमाश रुपये आपस में बांटकर फरार हो गए। पुलिस पूछताछ में और भी कई वारदातें खुलने की उम्मीद है।
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