Lucknow News : लखनऊ जिले में दो लोकसभा सीटें हैं। इसमें मोहनलालगंज सुरक्षित सीट आजादी के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखती है। इस सीट पर अब तक हुए 15 संसदीय चुनावों में भारतीय लोकदल प्रत्याशी को 76 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने का रिकॉर्ड बरकरार है। इस रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर, कोई भी उम्मीदवार इसके करीब भी नहीं पहुंच सका है। गौरतलब है कि मोहनलालगंज संसदीय सीट पर अब तक सिर्फ तीन उम्मीदवार ही 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर जीत हासिल कर सके हैं।
पहले चुनाव में विजेता को 49 फीसदी वोट मिले
1962 में अस्तित्व में आई मोहनलालगंज सुरक्षित सीट पर हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी ने कुर्सी पर कब्जा जमाया। गंगा देवी को 78,752 (49.92 फीसदी) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे जनसंघ प्रत्याशी रामबक्श को 34,542 (18.83 फीसदी) वोट मिले। इस चुनाव में मोहनलालगंज संसदीय सीट पर 46.20 फीसदी वोटिंग हुई। इस चुनाव में कुल एक लाख 83 हजार 481 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1967 और 1971 के चुनाव में गंगादेवी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर इस सीट पर जीत की हैट्रिक बनाई थी। इन चुनावों में गंगा देवी को क्रमश: 41.36 फीसदी और 62.97 फीसदी वोट मिले।
1977 में रामलाल को 76.08 फीसदी वोट मिले
आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में छठी लोकसभा के लिए हुए चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस विरोध की तीव्र लहर थी। इस लहर का असर मोहनलालगंज में देखने को मिला। भारतीय लोकदल के प्रत्याशी रामलाल कुरील मोहनलालगंज सीट से जीतकर दिल्ली पहुंचे। मतदाताओं ने रामलाल पर जमकर वोट लुटाए। रामलाल के हिस्से 203,445 (76.08 फीसदी) वोट आए। तीन बार सांसद रहीं कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी को 47,702 (17.84 प्रतिशत) वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में रामलाल ने 1 लाख 55 हजार 742 वोटों से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कुल 4 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में मोहनलालगंज संसदीय सीट पर 45.65 फीसदी वोटिंग हुई। इस चुनाव में कुल 2 लाख 67 हजार 424 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
1977 के बाद चुनाव की स्थिति
1977 के चुनाव के बाद से इस सीट पर अब तक हुए 11 आम चुनावों में कोई भी विजेता रामलाल के रिकॉर्ड को तोड़ या बराबरी नहीं कर सका है। केवल एक विजेता ही 50 फीसदी का आंकड़ा छूने में सफल रहा। 1980 में इस सीट से विजयी कांग्रेस उम्मीदवार कैलाशपति को 44.06 फीसदी वोट मिल सके थे। 1984 के विजेता जगन्नाथ प्रसाद (कांग्रेस) को 55.52 फीसदी, 1989 के विजेता सरजू प्रसाद सरोज (जनता दल) को 42.16 फीसदी, 1991 के चुनाव विजेता छोटे लाल (बीजेपी) को 27.50 फीसदी, 1996 में यहां से सांसद बनी पूर्णिमा वर्मा (बीजेपी) को वोट मिले। 35.43 फीसदी वोट।
1998 और 1999 में इस सीट से जीत हासिल करने वाली सपा उम्मीदवार रीना चौधरी को क्रमश: 34.20 फीसदी और 29.93 फीसदी वोट मिले थे। 2004 में यहां से बीजेपी के जय प्रकाश विजयी हुए थे। जय प्रकाश को 25.98 फीसदी वोट मिले।
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पिछले तीन चुनावों की स्थिति
2009 में हुए 15वीं लोकसभा के चुनाव में सपा की सुशीला सरोज को 36.93 फीसदी वोट मिले थे। जबकि 2014 और 2019 में यहां से सांसद चुने गए बीजेपी के कौशल किशोर को क्रमश: 40.77 फीसदी और 49.58 फीसदी वोट ही मिले थे।
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