Saturday, December 14, 2024
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Lok Sabha elections : जब संत के चुनाव प्रचार के लिए स्वयं इंदिरा गांधी आईं थीं हमीरपुर

Lok Sabha elections, Hamirpur : कभी बुन्देलखण्ड की हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट (Hamirpur-Mahoba parliamentary seat) पर बेहद ईमानदार और सामाजिक कार्यकर्ता चुनाव लड़कर सांसद बनते थे, जिन्हें जनता भी अटूट प्यार देती थी, लेकिन अब ऐसे लोग यहां की राजनीति में नहीं आते। तिरेपन साल पहले एक संत ने दोबारा सांसद बनने के लिए क्षेत्र के विकास के लिए न सिर्फ पाला बदला था, बल्कि उनके कहने पर पीएम रहते हुए इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) भी संसदीय क्षेत्र में चुनावी रैली करने पहुंची थीं। चुनावी रैली के बाद संत भारी मतों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।

लोकसभा-47 का गठन शुरुआत में हमीरपुर और महोबा को मिलाकर किया गया था, लेकिन पिछले कुछ आम चुनावों से तिंदवारी विधानसभा को इस लोकसभा सीट में जोड़ दिया गया है। इस लोकसभा सीट में हमीरपुर सदर, राठ, महोबा, चरखारी और तिंदवारी जैसी विधानसभाएं शामिल हैं। इस बार संसदीय क्षेत्र में 18 लाख 34 हजार 444 मतदाता हैं, जिनमें 9 लाख 91 हजार पुरुष और 8 लाख 43 हजार 053 महिला मतदाता हैं। विधानसभावार मतदाताओं में हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में 408078 मतदाता, राठ विधानसभा क्षेत्र में 424672 मतदाता, महोबा विधानसभा क्षेत्र में 324472 मतदाता, चरखारी विधानसभा क्षेत्र में 354675 मतदाता और तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में 322577 मतदाता शामिल हैं। यहां संसदीय क्षेत्र के लिए पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। चुनावी रण में बीजेपी समेत सभी ग्यारह उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इस संसदीय क्षेत्र से पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी एमएल द्विवेदी सांसद बने थे। वह लगातार तीन बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।

पहली बार लोधी समाज के स्वामी ब्रह्मानंद जनसंघ से बने सांसद

हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र के बड़हरा गांव निवासी स्वामी ब्रह्मानंद (Swami Brahmanand) पढ़ने-लिखने की उम्र में ही संत बन गए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1967 में जनसंघ पार्टी का गठन किया था और स्वामी ब्रह्मानंद महाराज को हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से उम्मीदवार घोषित किया था। एक बार अटल बिहारी बाजपेयी स्वामीजी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और जनसभा को संबोधित किया था। ये संत पहली बार सांसद बने। जबकि जनसंघ को 54 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे।

पांचवें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से मिलाया हाथ

पांच साल तक सांसद रहने के बाद स्वामी ब्रह्मानंद जनसंघ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव लड़कर दोबारा सांसद बने। उनके पार्टी छोड़ने से अटल बिहारी वाजपेयी भी काफी दुखी हुए थे। स्वामीजी ने पांचवें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बढ़त बनाने के लिए इंदिरा गांधी को आमंत्रित किया था। 1971 के आम चुनाव में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी राठ इलाके में आई थीं और एक चुनावी रैली को संबोधित किया था। उस वक्त उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई थी।

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इंदिरा गांधी की चुनावी रैली से फिर बने सांसद

पांचवें लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां आई थीं और उन्होंने हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से प्रत्याशी स्वामी ब्रह्मानंद के लिए राठ क्षेत्र में चुनावी सभा की थी। उन्हें देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई थी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सिंह राजपूत ने बताया कि स्वामीजी के लिए इंदिरा गांधी पहली बार यहां आई थीं और वे बहुत सशक्त विचार व्यक्त किए थे। चुनावी सभा के बाद स्वामी ब्रह्मानंद महाराज 52 प्रतिशत वोटों के साथ दोबारा लोकसभा पहुंचे।

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