Lucknow : 18वीं लोकसभा के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 13 सीटें जीती थीं। रायबरेली सीट कांग्रेस के खाते में गई। इस चरण में 12 सीटें ऐसी थीं जहां बीजेपी ने दूसरी बार जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में बीजेपी पांचवें चरण की सीटों पर क्लीन स्वीप के साथ 12 सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाना चाहती है। बता दें, पांचवें चरण के 14 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 71 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 45 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। सपा के पास 21, अपना दल के पास तीन और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो सीटें हैं।
2019 के चुनाव में 13 सीटें जीतीं
17वीं लोकसभा के आम चुनाव में बीजेपी ने कुल 13 सीटों पर जीत हासिल की, जिनके नाम हैं लखनऊ, मोहनलालगंज (एससी), अमेठी, फैजाबाद, कैसरगंज, बाराबंकी (एससी), गोंडा, जालौन (एससी), झांसी, हमीरपुर, फतेहपुर, कौशांबी (एससी) और बांदा थी। रायबरेली सीट पर उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, रायबरेली में उसका वोट शेयर जरूर 14 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया। 2014 में भी बीजेपी ने 13 में से 12 सीटें जीती थीं। यानी इन सीटों पर ये उसकी लगातार दूसरी जीत थी। 2019 में उन्होंने अमेठी में जीत हासिल की। ऐसे में बीजेपी इस चुनाव में 12 सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाना चाहती है। वह इस बार अमेठी में दूसरी बार और पिछले चुनाव में रायबरेली में मिली हार को जीत में बदलना चाहेगी।
2024 में दो सीटों पर उम्मीदवार बदले
18वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 14 में से 12 सीटों पर मौजूदा सांसदों को ही मैदान में उतारा है। बाराबंकी सीट और कैसरगंज सीट पर नए चेहरे उतारे गए हैं। कैसरगंज सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह और बाराबंकी से उपेन्द्र सिंह रावत की जगह राजरानी रावत चुनौती दे रहीं हैं।
रायबरेली और अमेठी में नहीं बदले चेहरे
पिछली बार अमेठी सीट बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर जीती थी। इस चुनाव में स्मृति ईरानी दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी रायबरेली सीट नहीं जीत पाई थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने राहुल गांधी को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने पिछले चुनाव के उपविजेता योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पर भरोसा जताया है। बीजेपी इस बार अमेठी के साथ-साथ रायबरेली में भी कमल खिलाने की कोशिश में है।
इस बार कौन कहां से मैदान में
बीजेपी की ओर से लखनऊ संसदीय सीट से राजनाथ सिंह, मोहनलालगंज सुरक्षित सीट से कौशल किशोर, अमेठी से स्मृति ईरानी, फैजाबाद से लल्लू सिंह, कैसरगंज से करण भूषण सिंह, बाराबंकी सुरक्षित सीट से राजरानी रावत, गोंडा से कीर्ति वर्धन सिंह, जालौन सुरक्षित सीट से भानु प्रताप सिंह वर्मा, झाँसी से अनुराग शर्मा, हमीरपुर से कुँवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल, फ़तेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, कौशांबी सुरक्षित से विनोद कुमार सोनकर और बांदा संसदीय सीट से आरके सिंह पटेल मैदान में हैं।
इन सीटों पर पार्टी की तीसरी जीत होगी
बाराबंकी में 2014 में प्रियंका सिंह रावत और 2019 में उपेन्द्र सिंह रावत जीते थे। इस बार यहां राजरानी रावत के कंधों पर कमल खिलाने की तैयारी है। कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह ने 2014 और 2019 में जीत हासिल की थी। इस बार बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण मैदान में हैं। 2014 में बीजेपी के लिए झांसी सीट उमा भारती ने जीती थी, पिछले चुनाव में यहां से अनुराग शर्मा जीते थे। इस बार फिर अनुराग शर्मा मैदान में हैं। 2014 में बांदा सीट पर भैरों प्रसाद मिश्रा ने जीत हासिल की थी। जबकि 2019 में आरके सिंह पटेल ने बीजेपी की जीत का परचम लहराया। पार्टी इन चारों सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी।
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8 सीटों पर पार्टी और उम्मीदवार दोनों की हैट्रिक
मोहनलालगंज, लखनऊ, हमीरपुर, कौशांबी, फैजाबाद, फतेहपुर, जालौन और गोंडा सीटों पर पार्टी द्वारा उतारे गए उम्मीदवार पिछले दो चुनावों से जीत रहे हैं, इसलिए बीजेपी यहां तीसरी बार जीतकर रिकॉर्ड बनाएगी। प्रत्याशियों के नाम हैट्रिक जीत का रिकॉर्ड भी दर्ज होगा।
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