Home फीचर्ड पीएम गतिशक्ति योजना का लॉजिस्टिक कंपनियों ने किया स्वागत

पीएम गतिशक्ति योजना का लॉजिस्टिक कंपनियों ने किया स्वागत

नई दिल्लीः लॉजिस्टिक सेवा प्रदाता कंपनियों ने लॉजिस्टिक क्षेत्र की क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार द्वारा बजट में घोषित प्रावधानों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र सीधे व्यापार और आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में दिये अपने बजट भाषण में 25,000 किलोमीटर के नये राजमार्गो, एक्सप्रेसवे के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के साथ 100 नये कार्गो टर्मिनल की घोषणा की। उन्होंने साथ ही शहरी परिवहन और रेलवे से जोड़ने वाले पहलों की भी घोषणा की, जो उद्योग को बढ़ावा देंगे।

फाआई के सीईओ एवं सह संस्थापक कुशल नहाटा ने कहा, हम प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत करने और विकसित करने लिए सरकार द्वारा उठाये गये सकारात्मक कदमों का स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के कार्यान्वयन तथा 100 कोर्गो टर्मिनल के विकास से माल की आवाजाही आसान होगी तथा, देश के अंदर सपर्क में सुधार होगा और लॉजिस्टिक लागत कम होगी।

बजट में नये कार्गो टर्मिनल को जोड़े जाने के अलावा एक स्थायी आर्थिक सुधार के लिए सरकार की योजना को भी रेखांकित किया गया है। इसमें ऐसी कई पहलों का प्रस्ताव दिया गया है, जो इस क्षेत्र के डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे का मजबूत करने के पक्ष में हैं। बजट में एमएसएमई क्षेत्र को बनाये रखने और उनके विकास में मदद देने के लिए भी नीतियों को पेश किया गया है।

नहाटा ने कहा, गतिशक्ति योजना का ध्यान सतत विकास और डिजिटलीकरण पर है, जो बहुत ही आशाजनक है। प्रस्तावित एकीकृत लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफार्म देश के लॉजिस्टिक क्षेत्र के डिजिटलीकरण के काम में तेजी लायेगा। यह कागजी कार्रवाई को कम करने और बेहतर लॉजिस्टिक तथा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में मदद देगा। किसानों और एमएसएमई क्षेत्र को योग्य लॉजिस्टिक सेवा मुहैया कराने की भारतीय रेलवे की वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना यह सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय कारोबार आपूर्ति श्रृंखला में मौजूद बाधाओं को दूर कर सकें।

ब्लूम ग्लोबल, इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुधीर उनीकृष्णन ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह देखते हुए कि भारत की आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक लागत वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद की 14 प्रतिशत है, यह एक बड़ा कदम है और इससे भारत विश्व मानकों के करीब आयेगा। आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक लागत का वैश्विक औसत करीब आठ प्रतिशत है।

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उन्होंने मेगा लॉजिस्टिक पार्क के प्रस्ताव का भी स्वागत करते हुए कहा, यह न सिर्फ रोजगार का सृजन करेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि यह मल्टी मॉडल परिवहन, भंडारण, सीमाशुल्क क्लीयरेंस, वर्कशॉप, यार्ड, पार्किंग और काफी कुछ के लिए इसे वन स्टॉप शॉप बनाकर आपूर्ति श्रृंखला को आसान बना देगा। यह उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में ही यह घोषणा की थी कि भारतमाला परियोजना के तहत देश भर में लगभग 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनेंगे।

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