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पंजाब में चुनाव के साथ ही शुरू हो गई शराब तस्करी, टूटे पुराने रिकार्ड, करोड़ों की शराब जब्त

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चंडीगढ़ः पंजाब में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही शराब तस्कर सक्रिय हो गए हैं। चंडीगढ़ समेत दूसरे राज्यों से सस्ती शराब लाकर पंजाब में बेची जा रही है। हालात यह है कि राज्य की सभी सीमाएं सील होने के बावजूद शराब का अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है। अब तक पंजाब के अलग अलग जिलों से करीब 15 करोड़ रुपये की शराब और लाहन पकड़ी जा चुकी है। लाहन सबसे ज्यादा पकड़ी जा रही है। इसका इस्तेमाल शराब बनाने के लिए किया जाता है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान चार करोड़ रुपये की शराब और लाहन पकड़ी गई थी। इस बार अब तक 15 करोड़ रुपये की शराब पकड़ी जा चुकी है। इससे साफ है कि तस्करी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।

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चुनाव में इस बार जो शराब पकड़ी जा रही है वे पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ की है। इसके अलावा किसी अन्य राज्य की शराब की खेप नहीं पकड़ी गई। पंजाब की पकड़ी गई शराब पर ड्यूटी पेड है लेकिन वे पुरानी है। हरियाणा और चंडीगढ़ से सबसे ज्यादा शराब स्मगल हो रही है। चंडीगढ़ में शराब सस्ती है इसलिए चंडीगढ़ के साथ लगते पंजाब के जिलों में इसकी ज्यादा तस्करी हो रही है। इनमें पटियाला, मोहाली, रोपड़ शामिल है। सबसे ज्यादा शराब अब तक फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, पटियाला, एसबीएस नगर,संगरूर और मोहाली में पकड़ी गई है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब तक तीन शराब के ठेकेदारों पर मामला दर्ज करवाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जो शराब ठेके तस्करी में शामिल पाए जाएंगे उनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। शराब की तस्करी में ठेकों के कारिंदें भी शामिल हैं, क्योंकि जिस ठेके से शराब निकल रही है उनके मालिक कारिंदों के शामिल होने की बात कह रहे है। पंजाब के मुख्य चुनाव आयुक्त एस.करुणा राजू के मुताबिक आयोग के निर्देश टीमों द्वारा लगातार शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पुलिस को विशेष आपरेशन चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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