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लायन सफारी में कोरोना संक्रमण से जूझ रही शेरनी जेनिफर-गौरी की हालत में सुधार नहीं

लखनऊः उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में स्थित लायन सफारी में कोरोना संक्रमण से जूझ रही शेरनी जेनिफर व गौरी की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। हालांकि देश के नामी प्राणि उद्यान डाक्टरों ने अभी हार नहीं मानी है और उम्मीद है कि दोनों शेरनियां जल्द पूरी तरह से स्वस्थ हो जायेगी। दोनों शेरनियों के खाना-पीना छोड़ने के बाद अब सफारी प्रबंधन की ओर से विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह पर ग्लूकोज के अलावा सूप देकर उनको स्वस्थ करने में कोई कोर कसर नहीं रखी जा रही है। सफारी प्रबंधन द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंगलवार को इस सम्बंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कानपुर, मथुरा तथा बरेली प्राणि उद्यानों से आए डाक्टरों से सलाह करके इनका इलाज किया जा रहा है। हालांकि कोरोना संक्रमित शेरनी जेनिफर और गौरी की हालत स्थिर बनी हुई है। इन पर पूरी निगरानी रखी जा रही है तथा इलाज किया जा रहा है। बाहर के डाक्टरों से सलाह लेकर इलाज दिया जा रहा है। पिछले 10 दिन से इटावा लायन सफारी में कोरोना से संक्रमित चल रहीं शेरनी जेनिफर व गौरी को बचाने के लिए सफारी प्रशासन की तरफ से देश भर के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। शेरनी के इलाज के लिए भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान बरेली, वेटनरी विश्वविद्यालय मथुरा, भालू संरक्षण केंद्र आगरा व केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के विशेषज्ञों की मदद ली गई है हालांकि 10 दिन बाद भी दोनो शेरनियों ने खाना नहीं खाया है वे केवल पानी व सूप पी रहीं हैं। उनको दवाओं के साथ ग्लूकोज की बोतलें भी चढ़ाई जा रही हैं।

पशु पालन विभाग के तीन डाक्टर कर रहे निगरानी
दोनों शेरनी को बचाने के लिए पशु पालन विभाग के तीन डाक्टर निगरानी कर रहे हैं । इनमें कानपुर चिड़ियाघर के भूतपूर्व चिकित्सक डा. आरके सिंह, कानपुर प्राणी उद्यान के चिकित्सक डा. नासिर व इटावा के स्थानीय चिकित्सक डा. रॉबिन यादव 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। सफारी के दो डाक्टर कोरोना काल में छुट्टी पर चल रहे हैं। इनमें डा. आरपी वर्मा पुत्र के कोरोना संक्रमित होने के कारण वे ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं जबकि दूसरे डा. सर्वेश राय भी खुद कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जो अभी निगेटिव नहीं हुए हैं।

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शावकों के कुनबे को बढ़ाने में दोनों शेरनियों का बचना अहम
खास बात यह है कि सफारी प्रशासन को सबसे ज्यादा उम्मीद जेनिफर और गौरी से ही हैं। जेनिफर ने पिछले साल एक शावक को जन्म दिया था और गौरी की उम्र अभी साढ़े तीन साल है। आने वाले समय में यही दोनों शेरनी सफारी में शेरों का कुनबा बढ़ाने के लिए शावकों को जन्म देंगी। इस उम्मीद को ध्यान में रखकर भी सफारी प्रशासन इस बात में पूरी दम लगा रहा है कि इन्हें जल्द से जल्द सेहतमंद कर लिया जाए। इसके साथ ही अन्य जानवरों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। बताते चलें कि, इंसानों के बाद जानवरों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद देश भर के पार्क और चिड़ियाघरों में हड़कम्प मचा हुआ है।

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