Leopard in Uttarakhand: दो दिन पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र के पास सिंगली गांव में एक तेंदुए ने 4 साल के मासूम बच्चे अयांश को अपना शिकार बनाया था। जिसके बाद एसएसपी अजय सिंह ने तुरंत एक टीम गठित कर गुलदार को ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया। सिंगली गांव में चार साल के मासूम को मारने के बाद गुलदार गांव के एक किलोमीटर के दायरे में घूम रहा है। गांव के आसपास उसके पैरों के निशान मिले हैं।
ट्रैप कैमरे में दिखे तेंदुए के फुटमार्क
इसके अलावा वन विभाग की ओर से लगाए गए ट्रैप कैमरों में भी तेंदुए की फुटेज दिखाई दे रही है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए 4 कैमरे और 20 पिंजरे लगाए हैं। वन विभाग की टीम का कहना है कि ट्रैप कैमरे में तेंदुए के पदचिन्ह और फुटेज देखने के बाद यह तय हो गया है कि वह गांव से ज्यादा दूर नहीं गया है। अब विभाग की टीम तेंदुए को पिंजरे में कैद करने के लिए बस अगले तीन-चार दिन का इंतजार करेगी। इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।
डीएफओ मसूरी वैभव सिंह ने बताया कि सिंगली गांव के आसपास लगातार तेंदुए के पदचिन्ह मिल रहे हैं। इससे साफ है कि तेंदुआ गांव के आसपास घूम रहा है। उधर, गांव और जंगल में लगे कैमरों में भी तेंदुए कैद हुआ है, इसलिए अब वन विभाग को तेंदुए की तलाश की चिंता नहीं है।
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वन विभाग की टीम ने कही ये बात
बता दें कि विभाग तेंदुए पर लगातार नजर बनाए हुए है। तेंदुए के स्थान के आसपास पिंजरा लगा दिया गया है, ताकि उसे जल्दी पकड़ा जा सके। डीएफओ ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए फिलहाल पिंजरे के विकल्प पर ही काम किया जा रहा है। किसी अन्य विकल्प पर नहीं। इसे ट्रैंकुलाइज करने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। ये आखिरी विकल्प है। यदि पिंजरा काम नहीं आया तो ट्रैंकुलाइजेशन पर विचार किया जाएगा।
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