नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। उग्रवाद से निपटने के लिए 2015 में शुरू की गई राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना के मजबूत क्रियान्वयन से ऐसा संभव हुआ है। पिछले 10 वर्षों में वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है और इन घटनाओं में होने वाली मौत में 85 प्रतिशत की कमी हुई है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि वर्ष 2019 में वामपंथी उग्रवाद की 2,258 घटनाएं दर्ज की गई थी और यह 2021 में घटकर 509 हो गई है। वहीं घटनाओं में वर्ष 2010 में 1005 लोगों की मृत्यु हुई थी और पिछले वर्ष इन घटनाओं में 147 मौतें हुई थी।
गृह राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि कुछ वर्षों में हिंसा का भौगोलिक फैलाव भी काफी कम हो गया है। वर्ष 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे। इसकी तुलना में वर्ष 2021 में इन जिलों की संख्या 46 रह गई है।
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उन्होंने बताया कि सुरक्षा संबंधी खर्च के तहत शामिल जिलों की संख्या में भी कमी हुई है। 2018 के अप्रैल में इन जिलों की संख्या 126 से घटकर 90 रह गई और जुलाई 2021 में घटकर 70 हो गई। उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद से सबसे प्रभावित जिलों की संख्या भी घटी है। 2018 में इनकी संख्या 35 से घटकर 30 रह गई थी और अब 2021 में यह घटकर 21 रह गई है।
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