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Chhattisgarh: एलईडी बल्ब बनाकर जिंदगी में भर रहे आशा की रोशनी

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रायपुर: इरादे पक्के हों तो दिव्यांगता भी व्यक्ति को अपने रास्ते पर बढ़ने से रोक नहीं सकती। इसका उदाहरण है छत्तीसगढ़ के जशपुर के दिव्यांग, जिन्होंने एलईडी बल्ब बनाकर अपनी जिंदगी को खुशहाल तो बनाया ही, साथ में दूसरे के घरों को रोशन कर रहे हैं। जशपुर के दिव्यांगजन (handicapped people) हौसले और हुनर की बेजोड़ मिसाल पेश कर रहे हैं। दिव्यांगजन (handicapped people) न सिर्फ जशदीप एलईडी बल्ब निर्माण कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता के इस उजाले को रोशन कर सभी के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।

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मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत जशपुर नगर में दिव्यांगजन (handicapped people) एलईडी बल्ब, सोलर लैंप, इमरजेंसी लाइट, स्ट्रीट लाइट निर्माण का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वे डीजी-एबल्ड नाम से इन बल्ब का निर्माण कर इसे लोकल मार्केट के साथ साथ रायपुर और रांची में भी बेच रहे हैं। इससे यह दिव्यांग स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया है। आगे इनकी योजना इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्माण की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत जब जशपुर पहुंचे तो यहां दिव्यांग सिलमिना तिग्गा ने पैर से एलईडी बल्ब निर्माण के हुनर उनके सामने प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री खुद दिव्यांगजनों (handicapped people) के बीच पहुंचे और उनके द्वारा पेश की गई आत्मनिर्भरता की मिसाल की खूब सराहना की।

समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजन (handicapped people) को एलईडी बल्ब टेक्नीशियन का कोर्स करवाया गया है। इस वर्ष कुल 60 दिव्यांग प्रशिक्षण ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजन से बात की और मंच से उनके इस कार्य की सराहना की। वे उनके बीच पहुंचे और सिलमिना द्वारा पैरों से एलईडी निर्माण कार्य का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने उनका हौसला भी बढ़ाया।

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