नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के राजद्रोह कानून पर दिए फैसले के बाद केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि वह शीर्ष न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन एक लक्ष्मण रेखा भी होती है जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सीधे कोई टिप्पणी न करते हुए रिजिजू ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन एक लक्ष्मण रेखा होती है जिसे राष्ट्र के किसी अंग की ओर से लांघा नहीं जाना चाहिए और उसका शब्द और भावना में आदर करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी कानून से संबंधित नियत साफ है और प्रधानमंत्री की इस बारे में सोच से न्यायालय को अवगत कराया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सरकार या विधायिका और न्यायालय हमेशा एक दूसरे को आदर देते हैं। दोनों के बीच सीमा का स्पष्ट विभाजन है और किसी को भी लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के कानून पर केंद्र को कानून की समीक्षा की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजद्रोह के तहत फिलहाल नए केस दर्ज करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट जुलाई के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी पर केस दर्ज हो तो निचली अदालत से राहत की मांग करे। कोर्ट ने लंबित मामलों में अभी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जेल में बंद लोग निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करें।
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