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शुरू हुआ एशिया का सबसे बड़ा हथियार मेला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन

Karnataka, Feb 02 (ANI): Defence Minister Rajnath Singh addressing the gathering during the Curtain Raiser Event for Aero India 2021, in Bengaluru on Tuesday. (ANI Photo)

नई दिल्लीः बेंगलुरु में बुधवार से एशिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय हथियार मेला एयरो इंडिया-2021 की शुरुआत हो गई। पांच फरवरी तक चलने वाली इस रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। मेले में हिस्सा लेने आईं करीब 600 देशी-विदेशी कंपनियों का स्वागत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2021 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। मैं एयरो इंडिया के इस 13 वें संस्करण में दुनिया भर के रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और बिजनेस लीडर्स को देखकर बहुत खुश हूं। उन्होंने रक्षा के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि हमने सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।

राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि ये तीन दिन उत्पादक और पूर्ति करने वाले साबित होंगे। मुझे यह भी यकीन है कि हमारी साझा दृष्टि और मूल्य नए संबंधों को बनाएंगे और मौजूदा संबंधों को अगले स्तर तक ले जाएंगे। एयरो इंडिया का सेमिनार सेक्शन भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करेगा। चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हमने लंबे समय से अपनी अनसुलझे सीमाओं के साथ यथास्थिति बदलने के लिए सेना की तैनाती के दुर्भाग्यपूर्ण प्रयासों को देखा है। भारत क्षेत्रीय अखंडता का हर कीमत पर बचाव करने के लिए किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने और उसे हराने के लिए सतर्क और तैयार है। पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत प्रायोजित आतंकवाद का भी शिकार है, जो अब एक वैश्विक खतरा बन चुका है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत ने आत्मनिर्भरता और निर्यात के दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 1,75,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें वर्ष 2024 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में 35,000 करोड़ का निर्यात भी शामिल है। हमारी दृष्टि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ डिजाइन से लेकर उत्पादन तक में भारत को दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक बनाने की है। भारत अपने कई मित्र देशों को रक्षा उपकरण आपूर्ति करने की क्षमता रखता है। हमारे पास इस क्षेत्र में सक्रिय 5000 से अधिक इकाइयों के साथ एक मजबूत और विविध माइक्रो, लघु, मध्यम उद्यम क्षेत्र है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, ताकि विभिन्न देशों को प्रमुख स्वदेशी प्लेटफार्मों का निर्यात करने के लिए तेजी से मंजूरी दी जा सके। भारतीय रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ​ ही भारत ​’​मेक इन इंडिया’​ की ओर लगातार अग्रसर है।​​

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 पूरी दुनिया के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है और इसने कई देशों के जीवन, आजीविका, औद्योगिक विकास और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। भारत ने एक नहीं बल्कि दो स्वदेशी टीकों को विकसित करके 270 मिलियन लोगों को टीका लगाने के लिए सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान शुरू किया है। हमारी चिंता सीमाओं के लोगों तक फैली हुई है, जिसके तहत भारत ने अपने मित्र देशों को भी 20 मिलियन से अधिक वैक्सीन की खुराक भेजी है। वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद इस वर्ष के एयरो इंडिया में सैन्य और विमानन के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी रक्षा कंपनियां भाग ले रही हैं। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि हिन्द महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्री के कॉन्क्लेव के साथ एयरो इंडिया के इस संस्करण की मजबूत नींव रखी गई है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया-21 देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के क्षेत्र में विविध अवसरों को प्रदर्शित करेगा। यह दुनिया की पहली एवर हाइब्रिड एयरो और रक्षा प्रदर्शनी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि एयरो इंडिया-21 वास्तव में डिजिटल हो गया है क्योंकि इसे हाइब्रिड प्रारूप में समवर्ती आभासी प्रदर्शनी के साथ आयोजित किया जा रहा है। मुझे बताया गया है कि इस आयोजन में 80 से अधिक विदेशी कंपनियां, रक्षा मंत्री, प्रतिनिधि, सेवा प्रमुख और 55 से अधिक देशों के अधिकारी सहित लगभग 540 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। यह वैश्विक समुदाय की बढ़ती उम्मीदों को दर्शाता है। उन्होंने इस शो में शामिल होने के लिए मालदीव, यूक्रेन, इक्वेटोरियल गिनी, ईरान, कोमोरोस और मेडागास्कर के रक्षा मंत्रियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया-2021 के उद्घाटन समारोह में रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि यह रक्षा प्रदर्शनी दुनिया में बढ़ती मांग, अधिक नवाचार, अनुकूल नीतियों और रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण क्षेत्र में परिपक्व पारिस्थितिकी तंत्र के ‘संगम’ के रूप में नजर आती है। भारत ने हाल ही में अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बड़े और जटिल रक्षा प्लेटफार्मों का घरेलू विनिर्माण अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत हमारी नीति का केंद्र बिंदु बन गया है। हमने सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है। भारत के रक्षा क्षेत्र को विदेशी भागीदारी के लिए आगे खोला गया है और हम भारतीय कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश कर रहे हैं।

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