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टोंगा ज्वालामुखी विस्फोट: बड़ी संख्या में लोगों के मरने की आशंका, निगरानी रखने के लिए जूझ रहे वैज्ञानिक

सिडनी: टोंगा के छोटे बाहरी द्वीपों में शनिवार को समुद्र में एक ज्वालामुखी फटने और सुनामी आने से काफी नुकसान हुआ है। सुनामी से एक पूरा गांव नष्ट होने की खबर है। साथ ही कई इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। सक्रिय ज्वालामुखी की निगरानी करने के लिए वैज्ञानिक को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शनिवार को ज्वालामुखी के फटने की आवाज न्यूजीलैंड में लगभग 2,300 किमी (1,430 मील) दूर तक सुनाई दी थी। शनिवार का विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि अंतरिक्ष सैटलाइट ने न केवल राख के विशाल बादलों को बल्कि ज्वालामुखी से निकली एक वायुमंडलीय शाकवेव को भी तस्वीरों में कैद किया है।

टोंगा के ऑस्ट्रेलिया में मिशन के उप प्रमुख कर्टिस तुइ हालंगिंगी ने बताया कि लोग घबराकर भागने से अफरा-तफरी मच गई और काफी लोग घायल हो गए हैं। तुइ हालंगिंगी ने बताया कि न्यूजीलैंड रक्षा बल के सैटलाइट के माध्यम से ली गई तस्वीरों में मैंगो द्वीप के नष्ट गांव और अटाटा द्वीप पर क्षतिग्रस्त इमारतों के दृश्य साफ दिखाई दे रहे हैं।

टोंगा पुलिस ने न्यूजीलैंड उच्चायोग को बताया कि अभी तक मरने वालों की संख्या दो है, लेकिन दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र से संपर्क न होने के कारण सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। हालांकि टोंगा में अभी तक किसी के घायल होने या मरने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है लेकिन इंटरनेट और टेलीफोन संचार बेहद सीमित हैं और बाहरी तटीय क्षेत्र संपर्क से कटे हुए हैं।

ऑस्ट्रेलिया के प्रशांत महासागर मंत्री जेड सेसेलजा ने कहा कि टोंगन के अधिकारी आइसोलेट, निचले हा’आपाई द्वीप समूह और अन्य बाहरी द्वीपों से लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने बताया कि सुनामी में कई घर नष्ट हो गए हैं।

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने टोंगा को प्रदान की गई सैटलाइट तस्वीरों में द्वीपों पर राख की एक मोटी परत दिखाई दे रही है। द्वीपसमूह का मुख्य फुआमोटू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शनिवार को ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी में क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था, लेकिन बड़ी मात्रा में राख होने से हवाई संचालन को रोक दिया गया है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय राहत व बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने बताया कि टोंगन के अधिकारियों का कहना है कि रनवे को साफ करने में कुछ दिन लगेंगे।

न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो जहाज काफी मात्रा में पीने का पानी, सर्वेक्षण टीमों और एक हेलीकॉप्टर को लेकर न्यूजीलैंड से रवाना हुए थे। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि टोंगा आज सहायता के लिए औपचारिक अनुरोध कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया से सी-130 उड़ानें जल शोधन आपूर्ति सहित मानवीय सहायता प्रदान कर सकती हैं।

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विशेषज्ञों ने कहा कि आखिरी बार 2014 में ज्वालामुखी फटा था, जो लगभग 1 महीने तक बढ़ता रहा था। इससे पहले कि मैग्मा लगभग 1,000 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गया। शनिवार को 20 डिग्री समुद्री जल से मिला, जिससे तात्कालिक और बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ।

ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय में ज्वालामुखी विज्ञान के प्रोफेसर रेमंड कैस ने कहा कि जैसे ही सुपरहीटेड मैग्मा तेजी से ऊपर उठा और ठंडे समुद्री जल से मिला, वैसे ही ज्वालामुखी गैसों की एक बड़ी मात्रा ने विस्फोट को तेज कर दिया। टोंगा 176 द्वीपों का एक साम्राज्य है, जिनमें से 36 द्वीप बसे हुए हैं और इनकी आबादी 104,494 है।

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