बिहार

जेल से बाहर निकलते ही फिर राजनीति में सक्रिय हुए लालू प्रसाद, नौ को विधायकों से होंगे मुखातिब

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पटनाः राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जेल से निकलते ही बिहार की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। उनके बिहार आने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है लेकिन फिलहाल वह बिहार नहीं आएंगे। वहीं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन के बाद जिस तरह की पार्टी में नाराजगी है, विशेषकर मुस्लिम वर्ग में, उसे तेजस्वी और तेजप्रताप संभालने में अब तक पूरी तरह के फेल साबित हुए हैं। उनके खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मुस्लिम तबके में राजद की पकड़ बनाए रखने के लिए लालू प्रसाद एक बार फिर से अपना जादू दिखाने को तैयार हैं। इसके लिए वह विधानसभा चुनाव के सभी 144 प्रत्याशियों व विधायकों से वर्चुअल मीटिंग करेंगे। पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।

पार्टी नेताओं के अनुसार लालू इसी रविवार 9 मई को 2 बजे अपने विधायकों से मुखातिब होंगे। इस वर्चुअल मीटिंग में बीते विधानसभा चुनाव में जीते-हारे राजद के सभी 144 प्रत्याशी जुड़ेंगे। इस दौरान वह सभी विधायकों से उनके क्षेत्र में कोरोना की स्थिति और पार्टी के काम को लेकर चर्चा कर सकते हैं। ऐसी चर्चा है कि लालू की वर्चुअल मीटिंग का मुख्य उद्देश्य पार्टी में लगातार बढ़ रही नाराजगी है। जिस तरह शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद के मुस्लिम नेताओं में रोष है और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सहित दूसरे नेताओं ने खुलकर तेजस्वी की आलोचना की, उससे पार्टी की मुस्लिम वर्ग में छवि बेहद खराब हुई है। तेजस्वी के प्रति बढ़ी नाराजगी को कम करने का सबसे अच्छा विकल्प लालू प्रसाद का अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क को माना जा रहा है।

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पार्टी को उम्मीद है कि इससे जो नाराजगी है, उसे खत्म किया जा सकता है। शहाबुद्दीन की मौत के बाद राजद के मुस्लिम वोट बैंक में गुस्सा है। इसी नाराजगी की वजह से पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने पार्टी छोड़ दी है। समर्थकों में भी नाराजगी है। दूसरी तरफ कोरोना की वजह से नीतीश सरकार बैकफुट पर है। कोर्ट ने भी सरकार के कोरोना से बचाव को लेकर किए गए इंतजामों पर तीखी टिप्पणी की है।