कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर SDRF की टीम ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए बड़ी गंडक नदी में अचानक बढ़े जल प्रवाह के बीच फंसी कई जिंदगियों को बचा लिया। देर रात अंधेरे और तेज बहाव में महज चंद मिनटों में ही टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया और सभी को सुरक्षित बचा लिया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की। इससे पहले यहां वर्ष 2003 में तेज बहाव के कारण 16 लोगों की जान चली गई थी।
रात के अंधेरे में किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक कुशीनगर के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने बुधवार रात आठ बजे बताया कि खड्डा तहसील के एसडीएम ऋषभ पुंडीर और एडीएम एफआर वैभव मिश्रा ने बड़ी गंडक नदी में अचानक तेज बहाव के कारण नाव पलटने की सूचना दी। इस हादसे में पुनियावां पुल के पास तेज बहाव के बीच चार लोग फंस गए थे। जिसके बाद तत्काल अनुमति देते हुए एसडीआरएफ कमांडेंट को रेस्क्यू करने का आदेश दिया। ऑपरेशन की अनुमति मिलते ही एसडीआरएफ मौके पर पहुंच गई।
अंधेरा अधिक होने के कारण एसडीआरएफ ने ऑपरेशन चलाने में असमर्थता जताई। लेकिन तत्काल रौशनी की व्यवस्था की गई। इसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया। इस दौरान एडीएम एफआर वैभव मिश्रा, एसडीएम खड्डा ऋषभ पुंडीर व एसडीआरएफ की टीम ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कड़ी मशक्कत के बाद महज 40 मिनट में पानी के तेज बहाव में फंसे चारों लोगों को बचा लिया।
ये भी पढ़ेंः-Heavy Rain in Pune: पुणे में भारी बारिश से बिगड़े हालात, डिप्टी CM ने जारी किया अलर्ट
अचानक बढ़ गई गंडक नदी
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने बताया कि बड़ी गंडक नदी के तेज बहाव में फंसे चारों लोग बिहार के रहने वाले थे। चारों लोग देर रात नदी में मछली पकड़ने गए थे। इस दौरान अचानक नदी का बहाव तेज हो गया और नाव पलट गई। तेज बहाव के कारण चारों लोग पुनियहवा पुल के पास फंस गए। ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया।
इसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया और 40 मिनट में सभी को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। राजकुमार साहनी, भुवाली साहनी, सुभाष साहनी और शैलेश कुमार नदी की तेज धारा में फंस गए थे। चारों बिहार के बगहा नारायणपुर घाट के रहने वाले हैं। ऑपरेशन के बाद सभी का मेडिकल चेकअप कराया गया। इसके बाद सभी को गाड़ी से उनके घर पहुंचाया गया।