कोलकाता: कोलकाता पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए एक बांग्लादेशी नागरिक को उसका खोया हुआ बैग लौट आया, जिसमें 90 हजार रुपये थे। इस पर भाजपा ने सवाल उठाया है।
दरअसल, 11 सितम्बर की शाम बांग्लादेश के ढ़ाका के निवासी मोहम्मद रसेल हुसैन (33) छुट्टी पर कोलकाता में एक फिल्म का आनंद लेने के लिए धर्मतला के एक थिएटर में गए। उसके पास एक साइड बैग था जिसमें 90 हजार रुपये नगद, एक पहचान पत्र और कुछ अन्य मूल्यवान दस्तावेज थे। जिसे वह वॉशरूम में भूल गये और थिएटर से निकल गये। जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने न्यू मार्केट पुलिस स्टेशन से सम्पर्क किया और ड्यूटी ऑफिसर सब-इंस्पेक्टर नकुल चंद्र रॉय से मुलाकात की। नकुल चंद्र रॉय ने तकनीकी सहायता का उपयोग करके पता लगाया कि एक अन्य दर्शक ने वॉशरूम से बैग लिया और थिएटर से निकल गया। ड्यूटी अधिकारी ने व्यक्ति की पहचान की, उसका सम्पर्क विवरण एकत्र किया और उसे थाना के पास बुलाया। इस व्यक्ति ने निर्देशानुसार आनन-फानन में थाना के पास जाकर बैग सौंप दिया। शिकायतकर्ता ने बैग की पहचान की और सही हालत में उसे सौंप दिया गया।
हालांकि कोलकाता पुलिस के इस सराहनीय कार्य पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने कहा कि पुलिस ने जितनी सक्रियता एक विदेशी नागरिक के लिए बैग ढूंढने में दिखाई, उतनी सक्रियता कभी भारतीय नागरिकों के लिए नहीं दिखाई, ऐसा क्यों? इसके साथ ही भाजपा ने पुलिस से प्रश्न किया किया कि एक बांग्लादेशी 90 हजार रुपये लेकर यात्रा कर रहा था। क्या कोई आमतौर पर इतना पैसा रखता है? इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या कोलकाता पुलिस ने उचित जांच की? खबर लिखे जाने तक भाजपा के इन प्रश्नों पर कोलकाता पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
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