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Kolkata: पार्थ चटर्जी के दामाद बने राजसाक्षी, गुप्त गवाही ने बढ़ा दी मुश्किलें

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Kolkata: कोलकाता में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच में बड़ा मोड़ आ गया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष गवाह बनने का फैसला किया था और अब उन्होंने गुप्त रूप से अपनी गवाही दर्ज करा दी है। इस कदम से पार्थ चटर्जी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

Kolkata: कोर्ट में अरजी देकर जताई थी इच्छा

कुछ समय पहले कल्याणमय भट्टाचार्य ने कोर्ट में अर्जी देकर गवाह बनने की इच्छा जताई थी, जिसे बैंकशाल स्थित ईडी की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें मेट्रोपोलिटन एंड डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के 20वें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष गुप्त गवाही देने का आदेश दिया था। मंगलवार को उन्होंने कोर्ट में अपनी गवाही दर्ज कराई। ईडी के मुताबिक इस मामले में पार्थ चटर्जी के खिलाफ 26 और 31 मार्च को कोर्ट में दो और गवाह पेश हो सकते हैं।

Kolkata: जांच में मिले कई सबूत

ईडी का आरोप है कि पार्थ चटर्जी ने इस भ्रष्टाचार में अपनी पत्नी, बेटी और दामाद को भी शामिल किया था। जांच के दौरान पता चला कि पश्चिम मेदिनीपुर के पिंगला इलाके में एक निजी स्कूल से जुड़े दस्तावेजों में पार्थ चटर्जी की बेटी और दामाद का नाम सामने आया है। कल्याणमय भट्टाचार्य ने अमेरिका में रहकर कई कंपनियों और ट्रस्टों का संचालन किया, जिसके जरिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीद के सबूत मिले हैं।

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ईडी सूत्रों के मुताबिक, जब कल्याणमय से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पार्थ चटर्जी के दबाव में उसे भ्रष्टाचार में शामिल होना पड़ा। जांच के दौरान उसके विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई और अब वह अदालत की अनुमति के बिना कोलकाता से बाहर नहीं जा सकता।

हालांकि, गुप्त गवाही देने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह विदेश यात्रा की अनुमति मांग सकता है। जानकारों का मानना ​​है कि कल्याणमय भट्टाचार्य की गवाही पार्थ चटर्जी के खिलाफ मामले को और मजबूत बना सकती है। अगर अन्य गवाह भी अदालत में उसके खिलाफ बयान देते हैं तो जांच एजेंसियों को उसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का मौका मिलेगा।

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