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जानें कौन हैं विंग कमांडर अभिनंदन ! जिसने पाकिस्तान को घर में घुसकर चटाई थी धूल

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नई दिल्लीः देश की 'आन-बान और शान' के लिए जो जान की बाजी लगा दे, वो यौद्धा होते हैं। ऐसे ही जांबाज हैं 37 वर्षीय भारतीय सेना के अधिकारी अभिनंदन जो बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था। पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर धूल चटाने वाले भारतीय सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान (अब ग्रुप कैप्टन) को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीर चक्र से सम्मानित किया। वायुसेना के अधिकारी को यह सम्मान साल 2019 में पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान गिराने के लिए दिया गया। इसके अलावा राष्ट्रपति ने देश के अन्य शूरवीरों को भी सम्मानित किया। इनमें से कुछ ने देश पर अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे।

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भारत ने पाकिस्तान में घुस कर की थी बड़ी कार्यवाई

बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना ने हर भारतीय के दिल में दुश्मनों के प्रति गुस्सा उबल रहा था। इसी का बदला लेते हुए करीब दो हफ्ते बाद 26 फरवरी को भारतीय सेना के 12 मिराज विमानों ने LOC से 80 किमी अंदर घुसकर पाकिस्तान के इलाके में आतंकी संगठन जैश के सबसे बड़े अड्डे को तबाह कर दिया था।

ये है विंग कमांडर अभिनंदन की कहानी

भारत की इस बड़ी कार्रवाई में करीब 350 आतंकी मारे गए थे। वहीं इस घटना से बौखलाए पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की थी। जिन्हें भगाने के लिए विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से उड़ान भरी और उन्हें खदेड़ दिया। हालांकि उनका विमान क्रैश होकर पाकिस्तान में गिर गया था जिसने पाक सेना ने पकड़ लिया। इस दौरान उन्हें खुब यातनाएं दी गईं, लेकिन वे मुस्कराते रहे। हालांकि भारत के दवाब के चलते 1 मार्च की रात पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया।

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इस घटना क्रम की सबसे खास बात यह है कि संघर्ष के दौरान गिरने के बाद भी कुछ समय तक विंग कमांडर को यह पता नहीं था कि वे दुश्मन देश पाकिस्तान में हैं। जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि वे दुश्मन के इलाके में हैं। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले जरूरी दस्तावेजों को नष्ट किया, ताकि देश की अहम जानकारी को गलत हाथों में न लग जाए। बताया जाता है कि उन्होंने कुछ कागज चबाकर निगल लिए थे। जबकि, कुछ तलाब में डाल दिए थे। वहीं हवाई झड़प के दौरान मिग-21 बाइसन से कूदने से अभिनंदन को चोटें आई थी। अब उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो युद्धकाल के लिए भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता पदक है। परम वीर चक्र और महा वीर चक्र के बाद यह आता है।

इन शूरवीरों को भी किया गया सम्मानित

अभिनंद के अलावा कोर ऑफ इंजीनियर्स के सैपर प्रकाश जाधव को जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन में आतंकवादियों को मार गिराने पर दूसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से उनकी पत्नी और मां ने पुरस्कार ग्रहण किया। वहीं जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान ए ++ श्रेणी के आतंकवादी को मारने के लिए नायब सूबेदार सोमबीर को मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से उनकी पत्नी और मां ने पुरस्कार ग्रहण किया। जबकि मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को एक ऑपरेशन में उनकी भूमिका के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) दिया गया। इस ऑपरेशन में उन्होंने 5 आतंकवादियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन में 200 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।

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