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Amritpal: अमृतपाल की कार बरामद, चाचा-ड्राइवर ने किया सरेंडर, 21 मार्च तक इंटरनेट बंद

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amritpal-uncle-arrest चंडीगढ़ः पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल के चाचा और डाइवर को जालंधर में गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस ने अमृतपाल की वह कार बरामद कर ली है जिसमें वह फरार हुआ था। अमृतपाल की तलाश में पुलिस ने पिछले दो दिन से जालंधर व अमृतसर के गांवों को घेर रखा है। पंजाब पुलिस अब तक अमृतपाल के 112 समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है। रविवार रात अमृतपाल के खिलाफ जालंधर में एक और मामला दर्ज किया गया है। अमृतपाल के खिलाफ अब तक पंजाब के अलग-अलग पुलिस थानों में सात मामले दर्ज हो चुके हैं। पुलिस अभी भी जालंधर के गांव सरी को घेरे हुए है। यहां अमृतपाल का चाचा हरजीत सिंह छिपा हुआ था। रविवार रात करीब दो बजे हरजीत सिंह ने सरेंडर करने का इशारा किया। इसके बाद जिस घर मे हरजीत सिंह छिपा था उस घर को चारों तरफ से घेरकर पुलिस व पैरा मिलिट्री के जवान भीतर गए। उन्होंने हरजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। ये भी पढ़ें..Bihar: पटना जंक्शन पर लगे टीवी स्क्रीन पर अचानक चलने लगा अश्लील वीडियो, ब्लैक लिस्टेड की गयी एजेंसी पुलिस के अनुसार हरजीत सिंह हर समय अमृतपाल के साथ रहता था। अमृतपाल जिस गाड़ी से भागा उसे हरजीत सिंह चला रहा था। पुलिस ने हरजीत सिंह की निशानदेही पर आज सुबह अमृतपाल की पसंदीदा चर्चित मर्सीडीज कार को बरामद कर लिया। पुलिस का कहना है कि वह इसी कार से फरार हुआ। पुलिस उस कार भी बरामद कर लिया है जिस कार से अमृतपाल भागा था। बताया जा रहा है कि अमृतपाल की कार से तलवार और बंदूक बरामद हुई है।

पंजाब में 21 मार्च तक इंटरनेट सेवाएं बांद

उधर पंचाब में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं मंगलवार 21 मार्च तक बंद कर दी गए ही। दरअसल  खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद शनिवार को इंटरनेट बंद कर दी गयी थी। इंटरनेट शटडाउन को और बढ़ा दिया गया है। बता दें कि शनिवार को पहले रविवार और फिर सोमवार तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी। अब इंटरनेट शटडाउन की अवधि को मंगलवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि एक साल पहले दुबई से लौटा अमृतपाल खालिस्तान समर्थक है और उसके लौटने के बाद से लाल किले पर तिरंगे का अपमान करने के दोषी दीप सिद्धू का संगठन वारिस पंजाब डे संचालित हो रहा था। उसकी योजना कुछ दिनों में सिद्धू मूसेवाला की बरसी पर बड़ा कार्यक्रम करने की भी थी। इस तरह वह पंजाब में फिर से खालिस्तानी आंदोलन को हवा दे रहा था। कुछ दिनों उसके एक साथी को छुड़ाने के लिए उसके नेतृत्व में जिस तरह अजनाला पुलिस स्टेशन को घेरा गया था, उससे भी पंजाब पुलिस और सरकार की चिंता बढ़ गई थी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)